नई दिल्ली/मुंबई, 7 अक्टूबर। शिवसेना का चुनाव चिह्न ‘धनुष-बाण’ उद्धव ठाकरे गुट के पास ही रहेगा अथवा एकनाथ शिंदे गुट को मिलेगा, इसके लेकर दोनों गुटों की पेशबंदी चुनाव आयोग में शुरू हो चुकी है। इस क्रम में शुक्रवार को चुनाव आयोग में एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे की ओर से सिंबल के लिए दावा ठोके जाने का आखिरी दिन था।
उद्धव ठाकरे ने सिंबल पर दावा ठोकते हुए कहा कि उनका ही गुट इस पर अपना अधिकार रखता है। ठाकरे गुट ने आयोग में तर्क रखा कि एकनाथ शिंदे और उनका समर्थन करने वाले नेता खुद ही पार्टी छोड़ चुके हैं, इसलिए शिवसेना के पार्टी सिंबल पर उनका कोई दावा नहीं बनता क्योंकि वे तो दल से ही बाहर हैं।
शिंदे की बगावत के बाद से ही पार्टी पर दावेदारी को लेकर चल रहा संघर्ष
उल्लेखनीय है कि एकनाथ शिंदे ने जून में शिवसेना से बगावत कर ली थी और महाराष्ट्र के सीएम बन गए थे। वह अपने साथ शिवसेना के 55 में से 40 विधायकों को लेकर आए थे और करीब एक दर्जन सांसदों का समर्थन भी उन्हें हासिल है। तब से ही एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच पार्टी पर दावेदारी को लेकर भी संघर्ष चल रहा है।
फिलहाल तकनीकी तौर पर उद्धव ठाकरे ही शिवसेना के अध्यक्ष हैं, लेकिन एकनाथ शिंदे का कहना है कि उनके साथ ज्यादा नेता हैं, ऐसे में उनका गुट ही असली शिवसेना है। दशहरे के मौके पर दोनों गुटों की ओर से अलग-अलग रैली की गई थी और पुलिस सूत्रों के मुताबिक एकनाथ शिंदे की रैली में जहां करीब दो लाख लोग जुटे थे वहीं शिवाजी पार्क में एक लाख कार्यकर्ता पहुंचे थे।
दरअसल, एकनाथ शिंदे की ओर से सिंबल को लेकर दावेदारी करते हुए चुनाव आयोग का रुख किया गया था। इस पर चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे से जवाब मांगा था। ठाकरे गुट को आयोग ने शनिवार तक का समय दिया था, लेकिन उसने एक दिन पहले शुक्रवार को ही अपना जवाब दाखिल कर दिया। एकनाथ शिंदे गुट भी जल्द ही चुनाव आयोग को जवाब दे सकता है कि कैसे उसका ही दावा पार्टी के सिंबल पर बनता है।
अंधेरी ईस्ट विधानसभा उपचुनाव से पहले सिंबल का फैसला होना जरूरी
दरअसल नवम्बर में अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने वाला है। उससे पहले सिंबल का फैसला होना जरूरी है ताकि दोनों गुटों को उम्मीदवार उतारने में आसानी रहे।
अंधेरी ईस्ट में महिलाओं के बीच मुकाबला
टीम ठाकरे ने अंधेरी ईस्ट सीट से रुतुजा लटके को चुनाव में उतारा है, जो पूर्व विधायक स्वर्गीय रमेश लटके की पत्नी हैं। लटके के निधन के चलते ही इस सीट पर चुनाव हो रहा है। वहीं टीम शिंदे ने पार्षद मुरजी पटेल का समर्थन करने का एलान किया है, जिन्हें भाजपा ने मैदान में उतारा है। वहीं ठाकरे गुट की उम्मीदवार को एनसीपी और कांग्रेस का भी समर्थन हासिल है, जो शिवसेना के साथ महाविकास अघाड़ी सरकार का भी हिस्सा थे।