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रूसी तेल के आयात पर अमेरिका ने लगाया प्रतिबंध, 130 डॉलर के पार पंहुचा क्रूड

Democratic presidential candidate former Vice President Joe Biden removes his face mask to speak at The Queen theater, Thursday, Nov. 5, 2020, in Wilmington, Del. (AP Photo/Carolyn Kaster)

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नई दिल्ली, 9 मार्च। अमेरिका के रूसी तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के बाद बुधवार को शुरुआती कारोबार के दौरान कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि जारी रही। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने मंगलवार को रूसी तेल और अन्य एनर्जी आयात पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की घोषणा की, जबकि ब्रिटेन ने कहा कि वह 2022 के अंत तक रूसी तेल आयात को समाप्त कर देगा। रूस प्रतिदिन 4-5 मिलियन बैरल तेल का निर्यात करता है, इस कारण रूसी तेल पर प्रतिबंध से आपूर्ति संकट की आशंका बढ़ गई है। सऊदी अरब के बाद रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल निर्यातक है।

आज के कारोबार में लगभग 8.45 बजे, इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज पर ब्रेंट फ्यूचर्स का मई कॉन्ट्रैक्ट 130.70 डॉलर प्रति बैरल पर था, जो पिछले बंद से 2.13% अधिक है। NYMEX पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) का अप्रैल अनुबंध 1.69% बढ़कर 125.79 डॉलर प्रति बैरल हो गया। रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आई है और सोमवार को यह कई वर्षों के उच्च स्तर 139.13 डॉलर पर पहुंच गया था।

तेल की बढ़ती कीमतें भारत के लिए चिंता का विषय हैं क्योंकि भारत अपनी तेल मांग का 85% आयात करता है। वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि ने ओमान, दुबई और ब्रेंट क्रूड सहित भारतीय एनर्जी ऊर्जा बास्केट को बढ़ा दिया है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण के आंकड़ों के अनुसार, 7 मार्च को 126.32 डॉलर प्रति बैरल दर्ज किया गया था।

हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि अब तक उपभोक्ताओं को हस्तांतरित नहीं की गई है क्योंकि खुदरा ईंधन की कीमतें पिछले चार महीनों से अधिक समय से अपरिवर्तित हैं। बुधवार को पेट्रोल की खुदरा कीमत 95.41 रुपये प्रति लीटर थी, जबकि डीजल राष्ट्रीय राजधानी में 86.67 रुपये प्रति लीटर पर था।

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