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अमेरिका में इजराइली दूतावास के दो कर्मचारियों की हत्या, राष्ट्रपति ट्रंप ने की कड़ी निंदा

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वॉशिंगटन, 22 मई। अमेरिकी राजधानी वॉशिंगटन डीसी में बुधवार की रात एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जब  कैपिटल यहूदी म्यूजियम के पास इजराइली दूतावास के दो कर्मचारियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अमेरिका की होमलैंड सिक्योरिटी सचिव क्रिस्टी नोएम ने इसकी पुष्टि की है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे यहूदी विरोधी कृत्य करार देते हुए कहा कि कट्टरता व नफरत के लिए अमेरिका में कोई जगह नहीं है।

क्रिस्टी नोएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘आज रात वॉशिंगटन डीसी में यहूदी म्यूजियम के पास इजराइली दूतावास के दो कर्मचारियों की नृशंस हत्या कर दी गई। हम इस घटना की जांच कर रहे हैं और जल्द ही ज्यादा जानकारी साझा करेंगे।’

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, यह एक पूर्व नियोजित हमला प्रतीत होता है। गोली मारने के बाद, बंदूकधारी मोटरसाइकिल पर भाग गया। अब इस मामले में खुद एफबीआई भी शामिल हो गई है और जांच तेज कर दी गई है।

फ्री फिलिस्तीन के नारे लगाए

पुलिस और एफबीआई की ज्वॉइंट टेररिज्म टास्क फोर्स इस मामले की गहन जांच कर रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, संदिग्ध हमलावर के दाढ़ी थी और वह नीली जैकेट और नीली जींस पहने हुए था। तीन वरिष्ठ कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने एनबीसी न्यूज को बताया कि एक संदिग्ध ने गिरफ्तारी के दौरान ‘फ्री फिलिस्तीन’ के नारे लगाए।

हालांकि अब तक ये स्पष्ट नहीं है कि पकड़ा गया संदिग्ध वही हमलावर है,जिसने कर्मचारियों की हत्या की। एक गवाह के हवाले से जोश क्रौशार (ज्यूइश इनसाइडर) ने बताया कि गोलीबारी के बाद एक व्यक्ति ने म्यूजियम के अंदर आकर ‘फ्री फिलिस्तीन’ चिल्लाया और एक केफियाह (फिलिस्तीनी स्कार्फ) निकाला, जिसके बाद पुलिस उसे बाहर लेकर गई। सीबीएस न्यूज के अनुसार, शूटर माने जा रहे एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने बताया कि एक ‘पर्सन ऑफ इंटरेस्ट’ से पुलिस पूछताछ कर रही है, लेकिन उसकी पहचान अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है।

एफबीआई के फील्ड ऑफिस के सामने हुई घटना

डीसी पुलिस के अनुसार, यह गोलीबारी एफबीआई के वॉशिंगटन फील्ड ऑफिस के सामने हुई, जो म्यूजियम के नजदीक स्थित है। इजराइली दूतावास अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर मामले की जांच में जुटा है। दूतावास की ओर से एक प्रवक्ता ने बताया कि इजराइल के राजदूत इस घटना में शामिल नहीं थे और न ही घटना के वक्त उस स्थान पर मौजूद थे। घटना के बाद अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी और वॉशिंगटन डीसी की कार्यवाहक अटॉर्नी जीनिन पिरो मौके पर पहुंचीं। उन्होंने स्थिति का जायज़ा लिया और सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी साझा की।

नफरत और कट्टरपंथ का अमेरिका में कोई स्थान नहीं : ट्रंप

इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजराइली दूतावास कर्मचारियों की हत्या पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा, ‘डीसी में हुईं ये भयानक हत्याएं स्पष्ट रूप से यहूदी-विरोधी भावना पर आधारित हैं। अब ये खत्म होनी चाहिए! नफरत और कट्टरपंथ का अमेरिका में कोई स्थान नहीं है। पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना। बहुत दुख की बात है कि ऐसी चीजें हो सकती हैं! भगवान आप सभी का भला करे!’

उधर अमेरिकन ज्यूइश कमेटी (AJC) के सीईओ टेड डोइच ने एक बयान में कहा कि उनकी संस्था उस शाम म्यूजियम में एक कार्यक्रम आयोजित कर रही थी। उन्होंने कहा, ‘हम स्तब्ध हैं कि इस तरह की अकल्पनीय हिंसा हमारे कार्यक्रम स्थल के बाहर हुई। हम इस समय पुलिस द्वारा दी जाने वाली जानकारी का इंतज़ार कर रहे हैं और हमारी संवेदनाएं पूरी तरह पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं।’

इजराइल के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत डैनी डैनन ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने X पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘वॉशिंगटन डीसी के यहूदी संग्रहालय के बाहर हुए इस घातक हमले को एक अमानवीय यहूदी विरोधी आतंकवादी घटना के रूप में देखा जाना चाहिए। इसमें इजराइली दूतावास के कर्मचारी भी घायल हुए हैं।’

पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे वॉशिंगटन डीसी के नॉर्थवेस्ट इलाके में उस स्थान से दूर रहें, जहां यह घटना हुई। फिलहाल जांच जारी है और संदिग्ध की तलाश की जा रही है। कानून प्रवर्तन एजेंसियां इसे एक संभावित घृणा अपराध मानकर भी जांच कर रही हैं।

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