वॉशिंगटन, 10 अगस्त। बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन के बीच हिन्दुओं पर हो रहे हमले को लेकर दुनिया के कई हिस्सों में आवाजे उठने लगी हैं। इस क्रम में भारतीय मूल के अमेरिकी कांग्रेस के दो सदस्यों – श्री थानेदार और राजा कृष्णमूर्ति ने बाइडेन सरकार से हिन्दुओं को बचाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है।
मिशिगन के सांसद थानेदार ने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को लिखा पत्र
मिशिगन के सांसद थानेदार ने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को पत्र लिखा है और बांग्लादेश में हिन्दुओं को ‘सुनियोजित’ तरीके से निशाना बनाए जाने की घटनाओं के खिलाफ राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन से हस्तक्षेप करने की मांग की है।
‘अमेरिका का दायित्व है कि वह शांति बहाली में नई सरकार की मदद करे‘
थानेदार ने ब्लिंकन को लिखे पत्र में कहा, ‘मोहम्मद यूनुस के अंतरिम प्रधानमंत्री बनने के बाद अमेरिका का दायित्व है कि वह इस नई सरकार की सहायता करे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हिंसा और नागरिक अशांति समाप्त हो। मैं बाइडेन प्रशासन से आग्रह करता हूं कि वह सताए गए बांग्लादेशी हिन्दुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को शरणार्थियों के रूप में अस्थायी संरक्षित दर्जा प्रदान करे।’
‘बांग्लादेशी हिन्दुओं के समर्थन के लिए हमें हर संभव प्रयास करना चाहिए‘
उन्होंने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कई लोगों ने, जिनमें मेरे अपने जिले के कुछ लोग भी शामिल हैं, इन हिंसक काररवाइयों की निंदा की है। जब कांग्रेस अवकाश से वापस आएगी, तो हमें बांग्लादेश में हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यक समूहों की सुरक्षा में विफलताओं के बारे में और अधिक जानने के लिए सुनवाई करनी चाहिए और भविष्य में ऐसी काररवाइयों को रोकने के तरीके जानने चाहिए। हमें इस महत्वपूर्ण समय में उनका समर्थन करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।’
राजा कृष्णमूर्ति ने ब्लिंकन को पत्र लिखकर जताई चिंता
वहीं अमेरिकी कांग्रेस के एक अन्य सदस्य राजा कृष्णामूर्ति ने गुरुवार को एंटनी ब्लिंकन का लिखे पत्र की एक प्रति शुक्रवार को मीडिया में जारी की। पत्र में उन्होंने कहा कि विभिन्न मीडिया रिपोर्टों में हिन्दू विरोधी हमलों की विश्वसनीय प्रत्यक्षदर्शी रिपोर्ट हमलों के पैमाने को प्रदर्शित करती है।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से तत्काल बात करे बाइडेन प्रशासन
कृष्णमूर्ति ने ब्लिंकन को लिखा, ‘मैं आपको बांग्लादेश में अस्थिर स्थिति और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद समन्वित हिन्दू विरोधी हिंसा के बढ़ने के बारे में लिख रहा हूं। अब जब मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ली है, तो यह अत्यंत आवश्यक है कि संयुक्त राज्य अमेरिका हिंसा को समाप्त करने और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए उनकी सरकार के साथ बातचीत करे।’
बांग्लादेश में पहले ही हो चुकी है हिन्दू विरोधी हिंसा
उन्होंने कहा, ‘दुख की बात है कि यह पहली बार नहीं है कि बांग्लादेश में सरकार विरोधी प्रदर्शन हिन्दू विरोधी हिंसा में बदल गया है। अक्टूबर, 2021 में हुए हिन्दू विरोधी दंगों में सैकड़ों घरों, व्यवसायों और मंदिरों को नष्ट करने के बीच नौ लोग मारे गए थे। उसके पूर्व 2017 में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण द्वारा जमात-ए-इस्लामी नेता दिलवर सईदी को युद्ध अपराधों के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद 107 से अधिक हिन्दू मारे गए और 37 गायब हो गए थे।’
कृष्णमूर्ति ने जोर देते हुए कहा, ‘क्षेत्र में धार्मिक असहिष्णुता और हिंसा से प्रेरित अस्थिरता स्पष्ट रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका या हमारे सहयोगियों के हित में नहीं है।’ इसी क्रम में उन्होंने ब्लिंकन से अंतरिम सरकार के साथ सीधे जुड़ने और अपने प्रशासन को हिंसा को समाप्त करने और जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने में मदद करने के लिए अमेरिकी हस्तक्षेप का आग्रह किया।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के ‘मुख्य सलाहकार’ के रूप में शपथ दिलाई गई। यह एक ऐसी भूमिका है, जिसमें प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एशियाई राष्ट्र की अंतरिम सरकार का नेतृत्व करेंगे – उन्हें 16 सदस्यीय सलाहकार परिषद द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी – यह व्यवस्था गत पांच अगस्त को छात्र-नेतृत्व वाले विद्रोह के बाद 2009 से प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद से हटाए जाने और भारत भाग जाने के कारण आवश्यक हो गई थी।