मथुरा, 31 अगस्त। धार्मिक नगरी काशी में गंगा नदीं में संचालित क्रूज की सफलता से उत्साहित सरकार ने अब कृष्ण नगरी मथुरा में भी ऐसी ही योजना तैयार कर ली है। इसके तहत यमुना में जल परिवहन के लिए दो क्रूज स्वीकृत हो चुके हैं। 400 सैलानियों की क्षमता वाले ये क्रूज सैलानियों को वृंदावन से लेकर गोकुल तक सैर कराएंगे। इनके संचालन के लिए करीब 40 करोड़ रुपये का टेंडर सितम्बर में निकाला जाएगा। इसके अलावा पर्यटकों की सुविधा के लिए आधा दर्जन से अधिक स्टीमर भी मंगाए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा यमुना में जल परिवहन का प्रस्ताव स्थानीय सांसद हेमा मालिनी के जरिए तत्कालीन मंत्री नितिन गडकरी को भेजा गया था। टीम ने सर्वे कर डीपीआर बनाई थी। वर्तमान जल परिवहन मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भी अब परियोजना को आगे बढ़ाया है।
22 किमी होगा मार्ग, 11 स्थानों पर बनेंगे टर्मिनल
वृंदावन से गोकुल तक का जलमार्ग 22 किमी लंबा होगा, जहां पर्यटक क्रूज से कई स्थानों पर उतर और चढ़ सकते हैं। इस मार्ग में कुल 11 स्थानों पर टर्मिनल बनेंगे। इनमें जुगल घाट, विहार घाट, केशी घाट, देवरहा बाबा घाट, पानीगांव, कंसकिला, स्वामी घाट, विश्राम घाट, सुदर्शन घाट, गोकुल घाट और गोकुल बैराज पर टर्मिनल बनेंगे।
दरअसल, यमुना पर जलमार्ग विकसित करके गोकुल, मथुरा और वृंदावन को क्रूज के जरिए जोड़ा जाएगा। केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि मथुरा और वृंदावन को क्रूज सेवा से जोड़ा जाएगा, जिसके लिए यमुना पर जलमार्ग विकसित किया जाएगा। यह कदम क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के मद्देनजर उठाया गया है।
मथुरा और वृन्दावन भगवान कृष्ण की जन्मस्थली के रूप में प्रसिद्ध हैं और हर वर्ष बड़ी संख्या में यहां तीर्थयात्री और पर्यटक आते हैं। दोनों ही शहर आस-पास हैं, इसलिए इनमें बने मंदिर और पवित्र स्थल एक दिन में देखे जा सकते हैं। क्रूज से यहां पहुंचने में आसानी होगी। यह उम्मीद की जा रही है कि इससे यहां पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी।