तेहरान, 3 जनवरी। ईरान के करमान शहर में बुधवार को हुए दो धमाकों में कम से 103 लोगों की मौत हो गई जबकि 141 अन्य घायल हुए हैं। ईरान की सरकारी मीडिया ने बताया कि 2020 में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए जनरल कासिम सुलेमानी की बरसी पर आयोजित कार्यक्रम में ये धमाके हुए।
ईरान के सरकारी टेलीविजन ने देश की आपातकालीन सेवाओं के प्रवक्ता बाबक यकतापरस्त के हवाले से हताहतों की जानकारी दी। एजेंसी ने बताया कि ये धमाके रिवोल्यूशनरी गार्ड्स एलीट कुद्स फोर्स के प्रमुख रहे जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या की चौथी बरसी पर करमान में उनकी कब्र के करीब आयोजित एक कार्यक्रम में हुए। जनरल सुलेमानी 2020 में इराक में अमेरिका द्वारा किए गए ड्रोन हमले में मारे गए थे।
करमान के डिप्टी गवर्नर रहमान जलाली ने ‘आतंकवादी’ हमला करार दिया
उधर, करमान के डिप्टी गवर्नर रहमान जलाली ने हमले को ‘आतंकवादी’ करार दिया है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि पश्चिम एशिया की गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ इजराइल की सैन्य काररवाई के बीच हुए इन धमाकों के पीछे कौन है। दरअसल, ईरान के कई दुश्मन हैं, जो इस हमले को अंजाम दे सकते हैं। इनमें निर्वासित समूह, उग्रवादी संगठन और दूसरे देश शामिल हैं। ईरान ने हमास के साथ-साथ लेबनानी शिया मिलिशिया हिजबुल्लाह और यमन के हुती विद्रोहियों का भी समर्थन किया है।
पहले धमाके से लगभग 15 मिनट बाद हुआ दूसरा धमाका
‘इरना’ के अनुसार करमान शहर राजधानी तेहरान से 820 किलोमीटर दक्षिण पूर्व है। अधिकारियों ने कहा कि बाद में भागते समय कुछ लोग घायल हो गए। तस्वीरों से पता चलता है कि दूसरा धमाका पहले धमाके से लगभग 15 मिनट बाद हुआ। अकसर आतंकवादियों द्वारा घटनास्थल पर प्रतिक्रिया दे रहे आपातकालीन कर्मियों को निशाना बनाने और अधिक लोगों को हताहत करने के इरादे से दूसरे धमाके को थोड़े समय बाद किया जाता है। टेलीविजन तस्वीरों में लोग चिल्लाते दिख रहे हैं।
जनरल सुलेमानी को ईरान में राष्ट्रीय नायकों सरीखा सम्मान दिया जाता है
सुलेमानी ईरान की क्षेत्रीय सैन्य गतिविधियों के रणनीतिकार थे। ईरानी शासन के समर्थकों के बीच उन्हें एक राष्ट्रीय नायक के रूप में सम्मान दिया जाता है। सुलेमानी ने 2011 में अरब क्रांति के बाद सीरिया के राष्ट्रपति बशर असद के खिलाफ प्रदर्शनों और बाद से जारी गृह युद्ध में भी सीरियाई राष्ट्रपति की मदद की।
अनजान शख्स से ईरान के सबसे ताकतवर कमांडर के तौर पर उभरे थे सुलेमानी
सुलेमानी 2003 में इराक पर अमेरिकी हमले से पहले अपने देश में भी अनजान शख्स थे। उनकी लोकप्रियता तब बढ़ी, जब अमेरिकी अधिकारियों ने आरोप लगाया कि उन्होंने आतंकवादियों को सड़क के किनारे अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाने में मदद की। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक सुलेमानी की मदद से किए गए हमलों में उसके कई अमेरिकी सैनिक मारे गए जबकि कई अन्य घायल हुए।
ट्रम्प प्रशासन के निर्देश पर 2020 में एक ड्रोन हमले में हुई थी जनरल सुलेमानी की मौत
करीब डेढ़ दशक के बाद सुलेमानी ईरान के सबसे जाने-माने कमांडर के तौर पर उभरे। हालांकि, उन्होंने राजनीति में आने के आह्वान को नजर अंदाज कर दिया, लेकिन असैन्य नेतृत्व से ज्यादा नहीं तो कम से कम बराबर ताकतवर थे। अंततः (अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड) ट्रम्प प्रशासन के निर्देश पर किए गए एक ड्रोन हमले में सुलेमानी की मौत हो गई।
यह हमला विश्व शक्तियों और ईरान के बीच हुए परमाणु समझौते से अमेरिका के 2018 में एकतरफा तरीके से हटने के बाद बढ़ते तनाव का नतीजा था। सुलेमानी के मारे जाने के बाद बड़े पैमाने पर जुलूस निकाले गए थे। 2020 में उनके अंतिम संस्कार में भगदड़ मच गई थी और कम से कम 56 लोग मारे गए और 200 से अधिक घायल हो गए थे।