नई दिल्ली, 27 अक्टूबर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के भलस्वा डेयरी थाने की पुलिस ने दिल्ली विश्वविद्यालय की एक छात्रा पर एक दिन पूर्व हुए कथित एसिड अटैक मामले में नया मोड़ लाते हुए सोमवार को पीड़िता के पिता अकील खान को ही संगम विहार इलाके से गिरफ्तार कर लिया, जहां वह छिपा हुआ था। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
अकील खान ने पुलिस को हैरान करने वाला सच बताया। उसने कबूला कि वह जितेंद्र को फंसाने के लिए एसिड अटैक की साजिश रची। वहीं, ईशान और अरमान से भी उसका पुराना विवाद था। इस कारण उन्हें भी इस मामले में फंसा दिया।
जितेंद्र की पत्नी ने अकील पर लगाया था ब्लैकमेलिंग का आरोप
इस मामले में मुख्य आरोपित जितेंद्र की पत्नी ने तीन दिन पहले ही भलस्वा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उसने छात्रा के पिता पर दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया था। जितेंद्र की पत्नी का दावा है कि छात्रा के पिता के पास उसकी अश्लील फोटो हैं, जिन्हें वह जितेंद्र को भेजकर ब्लैकमेल कर रहा था।
छात्रा ने जितेंद्र पर छेड़ने का लगाया था आरोप
वहीं नॉर्थ वेस्ट दिल्ली के लक्ष्मीबाई कॉलेज के पास कथित एसिड हमले की शिकार छात्रा ने अपनी शिकायत में कहा था कि जितेंद्र उसे अक्सर छेड़ता था और इसकी जानकारी उसकी पत्नी को देने पर उसे धमकाया गया। उसने आरोप लगाया कि जितेंद्र के इशारे पर ही उसके दो साथियों – ईशान और अरमान ने उस पर एसिड अटैक किया।
पीड़िता के बयानों में विरोधाभास सामने आया
हालांकि, जितेंद्र ने दावा किया है कि वह घटना के समय मौके पर मौजूद नहीं था और उसका एसिड अटैक से कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर जांच शुरू की है, जिसमें पीड़िता के बयानों में विरोधाभास सामने आया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच चल रही है और दोषी पाए जाने पर छात्रा और उसके पिता के खिलाफ सख्त काररवाई की जाएगी।
जितेंद्र की लोकेशन करोल बाग में मिली, बाइक भी वहीं मिली
जांच में यह भी सामने आया है कि जितेंद्र की मोबाइल लोकेशन घटनास्थल से अलग करोल बाग थी, जिससे उसका दावा मजबूत होता है। करोल बाग कथित क्राइम सीन से करीब पांच किलोमीटर दूर था। पुलिस ने कहा कि उसके CCTV फुटेज और कॉल रिकॉर्ड से उसकी वहां मौजूदगी कन्फर्म हुई। यहां तक कि हमले में कथित तौर पर इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल भी करोल बाग में मिली।
2 परिवारों के बीच संपत्ति विवाद लंबे समय से चल रहे झगड़े की वजह
पुलिस ने यह भी बताया कि ईशान और अरमान भी पीड़िता के दूर के रिश्तेदार हैं और अभी अपनी मां शबनम के साथ आगरा में हैं, जो मंगोलपुरी की रहने वाली हैं। उन्हें भी जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है। वैसे पुलिस मानकर चल रही है कि मंगोलपुरी में दो परिवारों के बीच संपत्ति विवाद लंबे समय से चल रहे झगड़े की वजह लगता है।
मौके पर बोतल या एसिड का कोई निशान नहीं मिला
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘मौके पर एसिड का भी कोई निशान नहीं मिला। FSL टीम को कोई एसिड की बोतल भी नहीं मिली और इलाके में मोटरसाइकिल पर तीन लोगों का कोई CCTV फुटेज भी नहीं है।’ खैर, पुलिस अब सभी पक्षों के बयानों और साक्ष्यों की गहन पड़ताल कर रही है ताकि सत्य का पता लगाया जा सके। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है और दोषियों को जल्द सजा दिलाने की बात कही है।

