नईदिल्ली, 29 अगस्त। केंद्र की मोदी सरकार दो उर्वरक कंपनियों नेशनल केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लि. और नेशनल फर्टिलाइजर्स लि. के शेयरों की बिक्री इस साल दिसंबर के अंत तक कर सकती है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस शेयर बिक्री से सरकार को 1,200 से 1,500 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त हो सकते हैं। अधिकारी ने कहा कि सरकार बिक्री पेशकश ऑफर फॉर सेल के जरिये आरसीएफ में अपनी 10 फीसदी और एनएफएल में 20 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी।
अधिकारी ने कहा कि इस शेयर बिक्री से सरकार को 1,200 से 1,500 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। इस शेयर बिक्री के लिए मर्चेंट बैंकरों की नियुक्ति पहले ही की जा चुकी है। अधिकारी ने कहा कि सरकार ने उर्वरक क्षेत्र के लिए जो कदम उठाए हैं, उनसे आगामी महीनों में शेयरों का मूल्यांकन बेहतर हो सकता है।
बीएसई में शुक्रवार को आरसीएफ का शेयर 72.25 रुपये पर और एनएफएल का 53.95 रुपये पर बंद हुआ। सरकार की फिलहाल एनएफएल में 74.71 फीसदी और आरसीएफ में 75 फीसदी हिस्सेदारी है।
सरकार ने 2021-22 में विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने विनिवेश से 38,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। चालू वित्त वर्ष में सरकार अबतक एक्सिस बैंक, एनएमडीसी लि.और हुडको में हिस्सेदारी बिक्री से 8,300 करोड़ रुपये जुटा चुकी है.
सेबी के नियम के तहत पब्लिक सेक्टर कंपनियों के लिए मिनिमम पब्लिक शेयर होल्डिंग 25 फीसदी होना जरूरी है। इस समय 19 पीएसयू ऐसी हैं, जहां सरकार के लिए स्कोप बना हुआ है।
बता दें कि सरकार ने निजीकरण और विनिवेश की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए 4 फरवरी 2021 को एक नई पीएसई पॉलिसी को लागू किया था। इसके तहत पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स को स्ट्रैटिजीक और नॉन-स्ट्रैटिजीक कैटिगरी में बांटा गया है.
बता दें कि सरकार 10 और पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स में विनिवेश की योजना बना रही है। इसके लिए पूरी तरह निजीकरण का रास्ता अपनाया जा सकता है या फिर सरकार इसमें अपनी हिस्सेदारी मिनिमम पब्लिक शेयर होल्डिंग नॉर्म्स के तहत रखेगी।