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भूकंप से फिर दहला तुर्की, हताय प्रांत में 6.4 तीव्रता के झटके, कई इमारतों को नुकसान

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अंकारा, 20 फरवरी। विनाशकारी भूकंप की त्रासदी झेल रहे तुर्की सोमवार की शाम एक बार फिर जोरदार भूकंप से दहल गया। रिक्टर पैमाने पर इस भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गई। हयात प्रांत में ये झटके महसूस किए गए, जिससे एक बार फिर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। हालांकि भूकंप के ताजा झटकों से कितना नुकसान हुआ, यह तत्काल स्पष्ट नहीं हो सका।

पहले ही हो चुका महाविनाश

गौरतलब है कि दो हफ्ते गत छह फरवरी को पहले तुर्की और सीरिया में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए थे, जिसमें अब तक 45 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। तुर्की में गत छह फरवरी को भूकंप का पहला झटका सुबह 4.17 बजे आया था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 मैग्नीट्यूड थी। भूकंप का केंद्र दक्षिणी तुर्की का गाजियांटेप था। इससे पहले कि लोग संभल पाते, कुछ देर बाद ही भूकंप का एक और झटका आया, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 मैग्नीट्यूड थी। भूकंप के झटकों का यह दौर यहीं नहीं रुका। भूकंप के इन झटकों ने मालाटया, सनलीउर्फा, ओस्मानिए और दियारबाकिर सहित 11 प्रांतों में तबाही मचा दी।

तुर्की को मिली भारत से बड़ी मदद

तुर्की में कई दिनों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया और लगातार शव बाहर निकाले गए। इस रेस्क्यू मिशन में भारत ने तुर्की की बड़ी मदद की थी। एनडीआरफ की कई टीमें भेजी गईं, राहत सामग्री भी लगातार पहुंचाई गई। भारतीय सेना ने तो तुर्की में अपने अस्पताल भी बना लिए थे, जहां पर घायलों को उपचार मिला। कुछ दूसरे देशों ने भी अपनी तरफ से तुर्की को सहायता भेजी थी।

एनडीआरएफ की आखिरी टीम स्वदेश लौटी, पीएम मोदी ने की तारीफ

इस बीच रविवार को भारत की एनडीआरफ की आखिरी टीम स्वदेश लौटी है। पीएम मोदी ने सोमवार को सभी एनडीआरएफ की टीमों से मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया। पीएम मोदी ने कहा, ‘भूकंप के दौरान भारत की त्वरित प्रतिक्रिया ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। यह हमारे बचाव और राहत दलों की तैयारियों का प्रतिबिंब है।’

पीएम मोदी ने तुर्की और सीरिया में ‘ऑपरेशन दोस्त’ में शामिल कर्मियों की सराहना करते हुए कहा, ‘आपने मानवता की महान सेवा की है, भारत को गौरवान्वित किया है। राहत दलों का काम प्रेरणादायक है। हम सभी ने वे तस्वीरें देखी हैं। जब एक मां आपका माथा चूमकर आशीर्वाद दे रही है। जब एक मलबे के नीचे दबी मासूम जिंदगी आपके प्रयासों से खिलखिला उठी। मलबे के बीच आप भी वहां मौत से मुकाबला कर रहे थे।’