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तिरुपति मंदिर बोर्ड ने 18 गैर-हिन्दू कर्मचारियों को हटाया, ट्रांसफर या वीआरएस का दिया विकल्प

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अमरावती, 5 फरवरी। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) बोर्ड ने हिन्दू परंपराओं का पालन करने के नियम का उल्लंघन करने के आरोप में भगवान वेंकटेश्वर मंदिर के 18 कर्मचारियों के खिलाफ काररवाई की है। बोर्ड ने इन कर्मचारियों के मंदिर के सेवाकार्य से हटाने के साथ उन्हें स्थानांतरण या स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति (VRS)  का विकल्प दे दिया है।

हिन्दू धार्मिक आयोजन में भाग लेने पर प्रतिबंध

उल्लेखनीय है कि चेयरमैन बीआर नायडू के नेतृत्व वाले टीटीडी बोर्ड ने कहा था कि सिर्फ हिन्दू कर्मचारी ही टीटीडी में काम कर सकते हैं। हालांकि, इन 18 कर्मचारियों को गैर-हिन्दू परंपराओं का पालन करते हुए पाया गया, जिसके कारण यह अनुशासनात्मक काररवाई की गई है।

टीटीडी बोर्ड के प्रस्ताव के अनुसार, इन कर्मचारियों को टीटीडी मंदिरों और संबद्ध विभागों में उनकी वर्तमान भूमिकाओं से हटा दिया जाएगा। कर्मचारियों के किसी भी हिन्दू धार्मिक आयोजन में भाग लेने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। उन्हें दो विकल्प दिए जा रहे हैं – सरकारी विभागों में ट्रांसफर या वीआरएस के लिए आवेदन करना। आदेशों का अनुपालन न करने पर आगे की काररवाई की जाएगी।

भक्तों की भावनाओं को प्रभावित करने वाले उल्लंघन चिंताजनक

बीआर नायडू ने यह सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया था कि तिरुमाला हिन्दू आस्था और पवित्रता का प्रतीक बना रहे। 1989 बंदोबस्ती अधिनियम के अनुसार, टीटीडी कर्मचारियों को हिन्दू रीति-रिवाजों का पालन करना चाहिए। बोर्ड ने टीटीडी की पवित्रता और भक्तों की भावनाओं को प्रभावित करने वाले उल्लंघन पर चिंता व्यक्त की।

इस बीच भाजपा नेता और टीटीडी बोर्ड के सदस्य भानु प्रकाश रेड्डी ने इस कदम का समर्थन करते हुए कहा कि वह आवश्यकतानुसार कई गैर-हिन्दू कर्मचारियों को छोड़ने के लिए तैयार हैं।

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