वॉशिंगटन, 1 अक्टूबर। अमेरिकी आर्थिकी मजबूत करने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सारे प्रयास नाकाम होते नजर आ रहे हैं और उसका नतीजा यह है कि छह वर्षों बाद अमेरिका एक बार फिर सरकारी शटडाउन की चपेट में आ गया है। ट्रंप के दोनों कार्यकाल को मिला दें तो यह तीसरी बार है, जब देश में शटडाउन लागू किया है। इस शटडाउन काल में कई संघीय कामकाज रुक सकते हैं और लगभग साढ़े सात लाख कर्मचारियों को बिना वेतन छुट्टी पर भेजा जा सकता है।
फंडिग बिल पास कराने के लिए 60 वोटों की दरकार थी, 55 ही जुट सके
दरअसल, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी को सीनेट में अस्थायी फंडिंग बिल पास कराने के लिए कम से कम 60 वोटों की जरूरत थी, लेकिन सिर्फ 55 वोट ही जुट पाए। यानी यह प्रस्ताव गिर गया। अब सरकार के पास जरूरी फंडिंग का विस्तार नहीं है और इसका सीधा मतलब है कि कई संघीय कामकाज रुक सकते हैं। अमेरिकी कानून के तहत जब तक बजट या अस्थायी फंडिंग बिल पास नहीं होता, तब तक ‘गैर-जरूरी’ सरकारी विभागों और सेवाओं को बंद करना पड़ता है। इस स्थिति को ही शटडाउन कहा जाता है। पिछले दो दशकों में यह अमेरिका की पांचवीं बड़ी शटडाउन स्थिति बन सकती है।
इससे पहले रिपब्लिकन ने सरकार को 21 नवम्बर तक खुला रखने के लिए एक अल्पकालिक वित्त पोषण विधेयक पेश किया है। हालांकि, डेमोक्रेट्स का कहना है कि यह पर्याप्त नहीं है। वे चाहते हैं कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ग्रीष्मकालीन मेगा-बिल से मेडिकेड कटौती को वापस लिया जाए और अफोर्डेबल केयर एक्ट के प्रमुख टैक्स क्रेडिट को बढ़ाया जाए। लेकिन रिपब्लिकन ने इन मांगों को सिरे से खारिज कर दिया है। किसी भी पक्ष के पीछे हटने के की वजह से इस हफ्ते सदन में मतदान भी निर्धारित नहीं है।
ट्रंप कार्यकाल अन्य दो शटडाउन
ट्रंप के पहले कार्यकाल में सबसे पहला शटडाउन 22 दिसम्बर, 2018 से 25 जनवरी, 2019 तक हुआ था। 35 दिनों तक शटडाउन चला और यह अब तक का सबसे लंबा शटडाउन था। इसका मुख्य कारण था मेक्सिको बॉर्डर की दीवार के लिए फंडिंग पर विवाद। ट्रंप ने अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने के लिए कांग्रेस से 5.7 बिलियन डॉलर की मांग की थी, लेकिन डेमोक्रेट्स ने इसे मंजूरी नहीं दी, जिसके कारण शटडाउन हुआ। वहीं दूसरा शटडाउन 14 फरवरी, 2019 को लगा जो लगभग तीन दिन चला। यह शटडाउन तब हुआ, जब ट्रंप और कांग्रेस ने आपातकालीन स्थिति घोषित करने के बाद समझौता किया, जिससे सरकारी कामकाजी बंदी को टाला जा सका।
कुल मिलाकर देखें तो छह वर्षों बाद यह पहला मौका होगा, जब फंड की कमी की वजह से अमेरिका में कई सेवाएं प्रभावित होंगी। पिछले शटडाउन के मुकाबले इस बार खतरा और गंभीर माना जा रहा है क्योंकि ट्रंप इसकी आड़ में लाखों कर्मचारियों की छंटनी और कई अहम योजनाओं को बंद करने की तैयारी कर सकते हैं। शटडाउन से ठीक पहले उन्होंने इसके संकेत भी दे दिए हैं।
क्यों होता है शटडाउन?
सरकारी शटडाउन तब होता है, जब कांग्रेस संघीय एजेंसियों को चलाने के लिए वार्षिक व्यय विधेयकों पर सहमत नहीं हो पाती। एंटीडेफिशिएंसी एक्ट एजेंसियों को बिना अनुमति के पैसा खर्च करने से रोकता है, इसलिए जब पैसा खत्म हो जाता है तो सरकार का ज्यादातर काम भी बंद हो जाता है।
ट्रंप कई विभागों को स्थायी रूप से बंद करने की तैयारी में
अमेरिकी सरकार के अलग-अलग विभागों को चलाने के लिए भारी मात्रा में फंड की जरूरत होती है। इसके लिए संसद (कांग्रेस) से बजट या फंडिंग बिल पारित कराना जरूरी होता है। लेकिन जब राजनीतिक मतभेद या गतिरोध की वजह से तय समयसीमा में फंडिंग बिल पारित नहीं हो पाता तो सरकार के पास कानूनी रूप से खर्च करने के लिए फंड नहीं बचता। ऐसी स्थिति में अमेरिकी सरकार को अपनी गैर-जरूरी सेवाएं बंद करनी पड़ती हैं, जिसे सरकारी शटडाउन कहा जाता है। यह आमतौर पर अस्थायी होता है, लेकिन इस बार ट्रंप कई विभागों को स्थायी रूप से बंद करने और हजारों कर्मचारियों को नौकरी से हटाने की तैयारी में हैं।
क्या बंद होगा, क्या खुला रहेगा?
यदि समय सीमा बीत जाती है तो एजेंसियों को ‘गैर-अपवादित’ कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजना शुरू करना होगा। विशेष रूप से वे कर्मचारी जो जीवन या संपत्ति की सुरक्षा से संबंधित नहीं हैं। ट्रंप के पहले कार्यकाल में 35 दिनों के बंद के दौरान 3.40 लाख कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजा गया था जबकि बाकी कर्मचारियों ने सरकार के फिर से खुलने तक बिना वेतन के काम किया।
इस बार, एफबीआई जांच, सीआईए ऑपरेशन, हवाई यातायात नियंत्रण, सैन्य सेवा, सामाजिक सुरक्षा जांच, मेडिकेयर दावे और पूर्व सैनिकों की स्वास्थ्य सेवा जैसे महत्वपूर्ण कार्य जारी रहेंगे। डाक वितरण भी अप्रभावित रहेगा क्योंकि अमेरिकी डाक सेवा अपने स्वयं के राजस्व पर चलती है।
लेकिन कई एजेंसियां अपने काम में भारी कटौती करेंगी। मसलन, शिक्षा विभाग अपने करीब 90% कर्मचारियों की छंटनी करेगा, हालांकि छात्र सहायता जारी रहेगी। स्मिथसोनियन संग्रहालय और राष्ट्रीय चिड़ियाघर अपने दरवाजे बंद कर देंगे। FDA ने दवा और उपकरणों की मंजूरी में देरी की चेतावनी दी है और राष्ट्रीय उद्यान सेवा कुछ स्थलों के दरवाजे बंद कर देगी जबकि अन्य सीमित कर्मचारियों के साथ खुले रहेंगे।

