अहमदाबाद, 5 जून। टोरेंट फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड (टोरेंट) ने आज एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया की कंपनी ने भारत में वोनोप्राज़न की बिक्री के लिए टेकेडा के साथ एक गैर-विशिष्ट पेटेंट लाइसेंसिंग समझौता किया है। वोनोप्राज़न एक नवीन पोटेशियम- कॉम्पिटिटिव एसिड ब्लोकर (पी-सीएबी) है, जिसका उपयोग एसिड से संबंधित विकारों – गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (GERD) के इलाज के लिए किया जाता है। समझौते के अंतर्गत, टोरेंट वोनोप्राज़न की अपने ट्रेडमार्क काबवी (Kabvie) के तहत बिक्री करेगी।
वर्ष 2019 में इंडियन जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय आबादी में GERD का प्रसार लगभग 8.2% है, जो शहरी आबादी में लगभग 11.1% है। AWACS MAT अप्रैल-2024 डेटा के मुताबिक, भारतीय चिकित्सा बाजार में GERD के इलाज पर खर्च 8,064 करोड़ रुपये है। जो पिछले 4 वर्षों में 8% CAGR की दर से बढ़ रहा है। वर्तमान में, GERD के इलाज के लिए पैंटोप्राज़ोल (प्रोटॉन पंप अवरोधक) जैसे उपचार का उपयोग किया जाता है। काबवी (Kabvie) जैसे पी-सीएबी की उपलब्धता भारतीय आबादी के लिए GERD का एक नया और प्रभावी उपचार सुलभ बनाएगी।
समझौते के बारे में जानकारी देते हुए टोरेंट के निदेशक अमन मेहता ने बताया कि, “हमें भारतीय मरीजों के लिए इस अभिनव उपचार का बिक्री करते हुए खुशी हो रही है। मुझे विश्वास है कि काबवी (Kabvie) के लॉन्च से GERD की बीमारी का इलाज प्रभावी हो जाएगा और इलाज के वित्तीय बोझ को कम करने में मदद मिलेगी। साथ ही भारतीय फार्मास्युटिकल बाजार में एक अग्रणी कंपनी के रूप में हमारी उपस्थिति का विस्तार होगा और हमारी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल पेशकश को भी मजबूत करेगें।”