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टॉरेंट ग्रुप के यूएनएम फाउंडेशन ने अहमदाबाद में अत्याधुनिक, सर्वांगी न्युरो- रिहेबिलिटेशन केंद्र “संकलन” का अनावरण किया

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अहमदाबाद: ज़रूरतमंदों के लिए गुणवत्तापूर्ण और किफायती न्युरो-पुनर्वास तक पहुँच सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, टॉरेंट ग्रुप के यूएनएम फाउंडेशन ने रविवार को अहमदाबाद में अत्याधुनिक न्युरो- रिहेबिलिटेशन सुविधा केंद्र “संकलन” का अनावरण किया।

३०,००० वर्ग फुट में फैला यह केंद्र मुख्य रुप से समाज के वंचित वर्गों के ज़रूरतमंद मरीज़ों की सेवा करेगा।
न्यूरो रिहेबिलिटेशन के भविष्य को पुनर्परिभाषित करने के लिए डिज़ाइन किया गया, संकलन एक अद्वितीय मॉडल का अनुसरण करता है जो समग्रलक्षी उपचार, संचालन की पुनर्प्राप्ति और मरीज़ की देखभाल के लिए एक एकीकृत ढांचे में कई चिकित्सा, दृष्टिकोण और विषयों को एकीकृत करता है।

न्यूरो रिहैबिलिटेशन एक विशिष्ट प्रकार की चिकित्सा है जो मस्तिष्क की शिथिलता और उसके परिणामस्वरूप समन्वित एवं एकीकृत, संवेदी एवं मोटर क्रिया से कार्यों को करने में हो रही कठिनाई के कारण उत्पन्न होने वाली बीमारियों से उबरने में व्यक्तियों की मदद करती है।
न्यूरो रिहैबिलिटेशन मस्तिष्क को पुनः सीखने और पुनः संयोजित करने की प्रक्रिया के माध्यम से इन कार्यों को पूर्णतः या आंशिक रूप से बहाल करने का प्रयास करता है।

संकलन एक ऐसा पारिस्थितिकी व्यवस्था बनाने की आकांक्षा रखता है, जहां दिमाग की तंत्रिकी संबंधी चुनौतियों वाले व्यक्ति को गतिशीलता, संचार और संज्ञानात्मक कौशल पुनः प्राप्त हो सके, साथ ही वह खुशी, सम्मान और अपने काम के क्षेत्र में और सामुदायिक जीवन में वापस लौटने की संभावना को भी पुनः प्राप्त कर सके।

उद्घाटन समारोह में टॉरेंट समूह के मानद अध्यक्ष श्री सुधीर मेहता और न्यूरोलॉजी क्षेत्र के प्रख्यात वरिष्ठ चिकित्सक एवं विशेषज्ञ उपस्थित थे। प्रख्यात न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सागर बेताई ने तीन मरीजों के केस स्टडी प्रस्तुत किए और न्यूरो-रिहैबिलिटेशन के आशाजनक परिणामों के बारे में जानकारी साझा की। डॉ. विवेक मिश्रा ने न्यूरो रिहैबिलिटेशन में हो रही प्रगति – नॉन-इनवेसिव ब्रेन स्टिमुलेशन की भूमिका पर एक प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर यूएनएम फाउंडेशन के हेल्थकेयर इनिशिएटिव्स के प्रमुख डॉ. चैतन्य दत्त ने कहा, “संकलन में हमारा उद्देश्य उन मुद्दों का व्यापक मूल्यांकन करना है जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक क्षमताओं को हमारे पास उपलब्ध साधनों के माध्यम से यथासंभव पूर्ववत स्थिति में लाया जा सके। इस केंद्र का नाम – ‘संकलन’ यह निर्दिष्ट करता है की यह एक साझा उद्देश्य की दिशा में एकजुट होकर काम करने वाले विभिन्न विषयों के समूह का प्रतीक है। ‘संकलन’ एक तरह से न्यूरोलॉजिकल रिहेबिलिटेशन के एक नए अध्याय की शुरुआत है।”

इस उद्घाटन पर अपनी बात रखते हुए, टॉरेंट समूह के निदेशक, श्री जिनल मेहता ने कहा, “‘संकलन’, विज्ञान, करुणा और प्रौद्योगिकी का संयोजन है और मस्तिष्क के तंत्रिका संबंधी चुनौतियों से जूझ रहे व्यक्तियों को उनकी स्वतंत्रता एवं सम्मान पुनः प्राप्त करने में मदद करने का एक प्रयास है। यह एडवांस्ड न्यूरो रिहेबिलिटेशन केंद्र, न्यूरो रिहेबिलिटेशन के क्षेत्र में हमारे प्रयासों का एक पायलट प्रोजेक्ट है। हमारी यह परिकल्पना है कि आगे जा कर यह सुविधा आंतरिक पेशेंट्स (आईपीडी) की भी सेवा करेगी। अंततः, हमारी योजना इस मॉडल को सूरत, वडोदरा और राजकोट सहित गुजरात के अन्य शहरों और अंततः देश के अन्य हिस्सों में भी लागू करने की है।”

स्ट्रोक, अभिघातजन्य मस्तिष्क क्षति, रीढ़ की हड्डी की चोट, उम्र से संबंधित अपक्षयी रोगों आदि की घटनाओं में वर्तमान के समय में वृद्धि देखने को मिली है – जिसके कई कारणों में से कुछ तेज़ एवं महत्वाकांक्षी और तनावपूर्ण जीवनशैली भी शामिल है। हालाँकि अपने पेशेंट्स के लिए अस्पताल आम तौर पर जीवन बचाने पर ज़ोर देते हुए देखभाल प्रदान करते हैं, लेकिन वे मरीज़ के जीवन की पहले जैसी गुणवत्ता, आत्मनिर्भरता, पुनर्रोज़गार की संभावना और आत्म-सम्मान को वापस लाने के लिए सुसज्जित नहीं होते हैं।

संकलन की एक अनूठी विशेषता यह है कि स्ट्रोक, आघातजन्य मस्तिष्क क्षति या रीढ़ की हड्डी की चोट जैसी तंत्रिका संबंधी स्थितियों के बाद क्षीण हुई क्षमताओं को पुनः प्राप्त करने हेतु प्रत्येक रोगी की पुनर्प्राप्ति यात्रा के लिए पेशेंट-स्पेसिफिक उपचार प्रोटोकॉल तैयार किया जाता है। ये व्यक्तिगत चिकित्सा योजनाएँ अल्पकालिक और दीर्घकालिक लक्ष्यों को ध्यान में रख कर तैयार की जाती है, किसकी प्रगति का समय समय पर समीक्षा की जाती है। इस केंद्र में अद्वितीय व्ययस्था तैयार की गई है जिसकी वजह से पेशेंट अपने घर की जीवन स्थितियों का हु-ब-हु अनुभव प्राप्त कर सके और अपने घर जा कर तेजी से उसमें समायोजित हो सके।

प्रत्येक पेशेंट कार्यक्रम के चिकित्सा लक्ष्य ध्यानपूर्वक डिज़ाइन किये गए हैं जो एविडेंस-बेस्ड हों और प्रत्येक पेशेंट की भावनात्मक, सामाजिक और कार्यात्मक आवश्यकताओं के अनुरूप हों। देखभाल करने वाले और पेशेंट के परिवार सक्रिय भागीदार के रूप में शामिल होते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि देखभाल का यह सफ़र न्यूरो रिहेबिलिटेशन केंद्र की चार दीवारों से आगे तक फैले।

यह अनूठा मॉडल यह सुनिश्चित करता है कि समाज के आर्थिक रूप से सबसे कमज़ोर मरीजों को भी बिना किसी समझौते के विश्वस्तरीय उपचार मिले।

संकलन केंद्र आशा, नवीनता और समावेशिता का एक मशाल रूप है – जो यूएनएम फाउंडेशन की फिलोसॉफी के अनुरूप है जो लोगों और समाज के कल्याण पर केंद्रित है। यह केंद्र एविडेंस-बेस्ड रिहेबिलिटेशन कार्यक्रम प्रदान करेगा जो क्लीनिकल उत्कृष्टता और करुणामय देखभाल का समन्वय बनेगा। यहाँ ऐसे प्रयास किये जायेंगे जिससे मरीज़ों में आत्मविश्वास पैदा करने का प्रयास किया जाएगा ताकि वे लगभग सामान्य जीवन जीने के लिए अपनी पूर्ववत संज्ञानात्मक और शारीरिक क्षमताओं को प्राप्त कर सकें।

यह केंद्र न्यूरोलॉजी के क्षेत्र में कुछ सबसे उन्नत टेक्नोलॉजी से सुसज्जित है, जिनमें fNIRS (फंकशनल नियर इंद्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी), नोन- ईन्वेसिव ब्रेन स्टिमुलेशन, एसोग्लोव, ई-हेल्पर एक्सोस्केलेटन + रेटेरा, न्यूरो ऑडियो, मायरो आदि शामिल हैं।

न्यूरोलॉजी के क्षेत्र की उन्नत तकनीक के अलावा, संकलन सेंटर में शरुआत में लगभग 63 बहु-विषयक विशेषज्ञों की टीम के साथ काम करेगा। इसमें न्यूरोफिजिशियन, फिजियाट्रिस्ट, फिजियोथेरेपिस्ट, मनोवैज्ञानिक, समाजशास्त्री, फैसिलिटेटर, बायोमेडिकल इंजीनियर, डेटा वैज्ञानिक और सामुदायिक आउटरीच पेशेवर शामिल होंगे।

आगे जा के इस केंद्र के प्रारंभिक अनुभवों के आधार पर, यूएनएम फाउंडेशन अहमदाबाद में साइंस सिटी रोड के पास 3.5 एकड़ में फैला एक फूल-फ्लेजेड न्यूरो रिहेबिलिटेशन केंद्र विकसित करने की योजना बना रहा है।

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