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टोक्यो पैरालम्पिक चैम्पियन प्रमोद भगत पेरिस खेलों से बाहर, ‘ह्वेयरअबाउट’ नियम उल्लंघन में 18 माह का प्रतिबंध

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नई दिल्ली, 13 अगस्त। दो दिन पूर्व संपन्न ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों के आयोजन स्थल यानी पेरिस में ही आगामी 28 अगस्त से आठ सितम्बर तक प्रस्तावित पैरालम्पिक खेलों से पहले भारतीय उम्मीदों को गहरा झटका लगा, जब टोक्यो 2020 पैरालम्पिक के स्वर्ण पदक विजेता शटलर प्रमोद भगत को 18 माह के लिए प्रतिबंधित किए जाने की खबर सामने आई। इस प्रतिबंध का नतीजा यह हुआ कि प्रमोद अब पेरिस खेलों में भाग नहीं ले पाएंगे।

दरअसल, बैडमिंटन विश्व महासंघ (BWF) के डोपिंग निरोधक ‘ह्वेयरअबाउट’ (ठिकाने का पता) नियम के उल्लंघन के कारण स्टार पैरा शटलर को 18 माह के लिए निलंबत कर दिया गया है। बीडब्ल्यूएफ ने एक बयान में कहा, “बैडमिंटन विश्व महासंघ इसकी पुष्टि करता है कि भारत के ‘टोक्यो 2020 पैरालम्पिक चैम्पियन प्रमोद भगत को 18 महीने के लिए निलंबित किया गया है और वह पेरिस पैरालम्पिक नहीं खेलेंगे।’

भगत एक साल में तीन बार अपना ठिकाना बताने में नाकाम रहे थे

बयान में कहा गया, ‘एक मार्च, 2024 को खेल पंचाट (CAS) डोपिंग निरोधक प्रभाग ने भगत को बीडब्ल्यूएफ के डोपिंग निरोधक नियम के उल्लंघन का दोषी पाया। वह एक साल में तीन बार अपना ठिकाना बताने में नाकाम रहे थे।’ 36 वर्षीय एसएल3 खिलाड़ी भगत ने सीएएस के अपील विभाग में इस फैसले के खिलाफ अपील की थी, जो पिछले महीने खारिज हो गई।

प्रमोद का निलंबन एक सितम्बर, 2025 तक लागू रहेगा

बयान में कहा गया,‘गत 29 जुलाई, 2024 को सीएएस के अपील विभाग ने भगत की अपील खारिज कर दी और सीएएस के डोपिंग निरोधक प्रभाग के एक मार्च, 2024 के फैसले की पुष्टि की। उनका निलंबन अब प्रभावी है।’ यह निलंबन एक सितम्बर 2025 तक लागू रहेगा।

उल्लेखनीय है कि बिहार में जन्मे भगत ने पिछले वर्ष फरवरी में पांचवां विश्व चैम्पियनशिप खिताब जीतकर चीन के लिन डैन की बराबरी की थी। भारतीय पैरा बैडमिंटन के मुख्य कोच गौरव खन्ना ने कहा,‘यह काफी दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। वह पैरालम्पिक में पदक उम्मीद थे, लेकिन वह योद्धा है और मुझे यकीन है कि मजबूती से वापसी करेंगे।’

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