Site icon hindi.revoi.in

टोक्यो ओलंपिक : लवलीना ने जगाई पदक की आस, जर्मन मुक्केबाज को हरा क्वार्टर फाइनल में

Social Share

टोक्यो, 27 जुलाई। भारत की प्रतिभाशाली महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने टोक्यो ओलंपिक खेलों की मुक्केबाजी स्पर्धा के वेल्टरवेट (64-69 किलोग्राम) वर्ग में मंगलवार को अपने अभियान की प्रभावशाली शुरुआत की और जर्मनी की अनुभवी प्रतिद्वंद्वी नेदिन एपेज को कड़े मुकाबले में अंकों के आधार पर 3-2 से मात देकर क्वार्टरफाइनल में प्रवेश के साथ पदक की आस जगा दी।

पहली बार ओलंपिक में हिस्सा ले रहीं असम की 24 वर्षीया लवलीना और उम्र में उनसे 11 वर्ष बड़ी एपेज के बीच कोकुजिकन एरेना के रिंग में जबर्दस्त टक्कर देखने को मिली। दिलचस्प तो यह रहा एपेज की भी यह ओलंपिक में पहली भागीदारी थी। पांच जजों में तीन ने लवलीना के पक्ष में फैसला सुनाया और उन्होंने 28-29, 29-28, 30-27, 30-27, 27-30 से जीत हासिल की।

लवलीना भारत की नौ सदस्यीय टीम से अंतिम-8 में जगह बनाने वाली पहली खिलाड़ी बनीं। अब वह एक जीत के साथ ही पदक पक्का कर सकती हैं। एम.सी. मैरीकॉम ने गत 25 जुलाई को 51 किलो फ्लाईवेट कैटेगरी के अंतिम 16 में प्रवेश किया था।

ओलंपिक की मुक्केबाजी स्पर्धा में क्वालीफाई करने वाली जर्मनी की पहली महिला मुक्केबाज 35 वर्षीया एपेज दो बार की विश्व कांस्य पदक विजेता और पूर्व यूरोपीय चैंपियन हैं। फिलहाल विश्व चैंपियनशिप में दो और एशियाई चैंपियनशिप में एक बार कांस्य पदक जीत चुकी लवलीना ने उनकी चुनौती का कुशलता से सामना करते हुए मुकाबला अपने नाम किया।

भारत ने पहली बार नौ मुक्केबाजों का दल उतारा है

गौरतलब है कि कोविड-19 के बावजूद भारत के चार महिलाओं सहित नौ मुक्केबाजों ने टोक्यो का टिकट हासिल किया था। पहली बार भारत का इतना बड़ा मुक्केबाजी दल ओलंपिक में उतरा है। महिला वर्ग में मैकीकॉम और लवलीना के अलावा सिमरनजीत (सुपर हैवीवेट, 91 किलो से ऊपर) और पूजा रानी (मिडिलवेट, 69-75 किलो) शामिल हैं। पूजा बुधवार को अल्जीरियाई मुक्केबाज इचराक चैब से मुकाबला करेंगी।

पहले ही दौर में बाहर हो चुके हैं तीन पुरुष मुक्केबाज

उधर पुरुष वर्ग में तीन मुक्केबाज – विकास कृष्णन (वेल्टरवेट, 63-69 किलो), मनीष कौशिक (लाइटवेट, 57-63 किलो) और आशीष कुमार (मिडिलवेट, 69-75 किलो) पहले ही दौर में हार कर बाहर हो चुके  हैं। अभी अमित पंघल (फ्लाईवेट, 48-52 किलो) और सतीश कुमार (सुपर हैवीवेट, 91 किलो से ऊपर) को चुनौती पेश करनी है।

Exit mobile version