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टोक्यो ओलंपिक : भारतीय पुरुषों को चार दशक बाद हॉकी में पदक, तीसरे स्थान के मैच में जर्मनी पर रोमांचक जीत

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टोक्यो, 5 अगस्त। आठ बार की पूर्व चैंपियन भारतीय पुरुष हॉकी टीम का ओलंपिक पदक के लिए 41 वर्षों का लंबा इंताजर अंततः खत्म हुआ, जब गुरुवार को यहां ओआई स्टेडियम में मनप्रीत सिंह और उनके साथियों ने पिछड़ने के बाद धमाकेदार वापसी करते हुए जर्मनी को 5-4 से हराने के साथ कांस्य पदक पर अधिकार कर लिया।

भारतीय दल के खाते में अब दो रजत सहित पांच पदक

इसके साथ ही मौजूदा टोक्यो ओलंपिक खेलों में भारतीय दल अब तक दो रजत व तीन कांस्य यानी कुल पांच पदक जीत चुका है। हालांकि खेलों को 14वें दिन महिला कुश्ती में पदक की प्रबल दावेदार मानी जा रहीं विनेश फोगाट को दूसरे मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। विनेश ने प्री क्वॉर्टर फाइनल में शानदार जीत की, लेकिन वह अगले दौर में अपनी लय बरकरार नहीं रख सकीं। पहलवान अंशु मलिक भी रेपचेज राउंड में हार गईं।

भारत ने 7 मिनट के भीतर 4 गोल ठोककर असाधारण वापसी की

अंतिम बार मॉस्को (1980) में आठवें स्वर्ण के रूप में पदक जीतने वाले भारतीय पुरुषों की नार्थ पिच पर शुरुआत तो अच्छी नहीं रही और वे 25 मिनटों के भीतर 1-3 से पिछड़ गए थे। लेकिन उन्होंने असाधारण वापसी की और सात मिनट के भीतर दनादन चार गोल ठोकते हुए अपनी रोमांचक जीत की पटकथा लिख दी। हालांकि विश्व रैंकिंग में छठे नंबर पर काबिज जर्मनी ने चौथे क्वार्टर में एक गोल उतारा, लेकिन विश्व नंबर तीन भारतीय टीम अडिग रक्षापंक्ति के सहारे अपनी शीर्ष रैंकिंग का मान रखते हुए बचे 12 मिनटों में अपना दुर्ग बचाने में सफल हो गई।

सिमरनजीत के हिस्से आए दो जमीनी गोल

म्यूनिख ओलंपिक (1972) के बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची भारतीय टीम की जीत को अंतिम स्पर्श देने वाले सिमरनजीत सिंह ने 17वें और 34वें मिनट में दो शानदार जमीनी गोल किए। उनके अलावा हार्दिक सिंह (27वां मिनट) व हरमनप्रीत सिंह (29वां मिनट) ने जहां शॉर्ट कॉर्नर भुनाए वहीं 3-3 की बराबरी पर समाप्त हुए दूसरे क्वार्टर के तत्काल बाद रूपिंदर पाल सिंह (31वां मिनट) ने पेनाल्टी स्ट्रोक पर भारत को पहली बार अग्रता दिलाई। हालांकि भारत को मिले छह शॉर्ट कॉर्नर में तीन बार उन्होंने हिट जमाई, लेकिन एक बार भी सफलता नहीं मिली।

गोलकीपर श्रीजेश ने किए नौ बचाव

हालांकि भारतीय जीत में गोलकीपर श्रीजेश की भूमिका सबसे ऊपर माना जा सकती है, जिन्होंने 13 अवसरों में आठ बार दुर्ग की रक्षा की। उन्होंने पांच शॉर्ट कॉर्नर में चार बचाए जबकि गोल पर आठ सीधे हमलों में पांच बार खरे उतरे। तभी तो दल को कांस्य पदक मिलने से वह इतने उत्साहित हुए कि गोल पोस्ट पर ही जा बैठे।

जर्मन टीम 13 शॉर्ट कॉर्नर में सिर्फ एक भुना सकी

दूसरी तरफ मैच के दौरान कुल 13 शॉर्ट कॉर्नर अर्जित करने वाले जर्मनों की ओर से तिमूर ओरुज (दूसरा मिनट), निकलस वेलेन (24वां मिनट), बेनेडिक्ट फुर्क (25वां मिनट) और लुकास विंडफेडर (48वां मिनट) ने गोल दागे। लुकास को कुल आठ बार पेनाल्टी कॉर्नर हिट करने का अवसर हाथ लगा, लेकिन वह सिर्फ एक भुना सके।

महिला हॉकी टीम कांस्य पदक के लिए ब्रिटेन से भिड़ेगी

भारतीय हॉकी प्रशंसकों की निगाहें अब अपनी महिला टीम पर रहेंगी, जो शुक्रवार को भारतीय समयानुसार सुबह सात बजे रियो ओलंपिक के चैंपियन ग्रेट ब्रिटेन से कांस्य पदक के मुकाबले में भिड़ेगी। पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचे भारत को अर्जेंटीना ने बुधवार को 2-1 से मात दी थी।

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