टोक्यो, 7 अगस्त। टोक्यो ओलंपिक खेलों के 16वें दिन शनिवार को भारत की युवा गोल्फर अदिति अशोक इतिहास रचते-रचते रह गईं, जब महिला व्यक्तिगत स्ट्रोक प्ले के चौथे दौर में वह एक शॉट के चलते कांस्य पदक नहीं पा सकीं और उन्हें चौथे स्थान पर रहना पड़ा।
बेंगलुरु की 23 वर्षीया अदिति ने कासुमीगासेकी कंट्री क्लब में अंतिम दौर की शुरुआत की तो वह अमेरिकी गोल्फर नेली कोर्ड के पीछे दूसरे स्थान पर थीं। बारिश से तनिक बाधित चौथे दौर में भी वह लगातार शीर्ष चार में बनी हुई थीं। लेकिन अपने आखिरी शॉट में वह बर्डी हासिल करने में नाकाम रहीं। इस प्रकार सिर्फ एक स्ट्रोक ने उनसे ऐतिहासिक पदक छीन लिया। ज्ञातव्य है कि ओलंपिक इतिहास में आज तक भारत का कोई गोल्फर पदक नहीं जीत सका है।
दुनिया की नंबर एक गोल्फर नेली कोर्डा ने दो अंडर 69 के साथ चार दौर में कुल 17 अंडर पार 267 स्कोर (67,62,69,69) बनाकर स्वर्ण पदक जीता। मेजबान जापान की मोने इनामी (16 अंडर पार 268 – 70,65,68,65) ने रजत पदक जीता जबकि रियो ओलंपिक में रजत पदक जीतने वालीं न्यूजीलैंड की लीडिया के (16 अंडर पार 268 – 70,67,66,65) हिस्से कांसा आया।
13वें होल तक दूसरे स्थान पर रहीं अदिति
रियो ओलंपिक में 41वें स्थान पर रहने वाली अदिति ने खराब मौसम से प्रभावित अंतिम दौर में तीन अंडर 68 का स्कोर किया। उनका कुल स्कोर 15 अंडर पार 269 (67,66,68,68) रहा। वस्तुतः 13वें होल तक दूसरे स्थान पर चल रही अदिति आखिरी पांच होल में मोने इनामी और लीडिया से पिछड़ गईं।
मां ने निभाई कैडी की भूमिका
अपनी मां माहेश्वरी अशोक को कैडी बनाकर मुकाबले में उतरीं अदिति ने पांचवें, छठे, आठवें, 13वें और 14वें होल पर बर्डी लगाई और नौवें व 11वें होल पर बोगी हासिल की। देखा जाए तो वह पूरे समय पदक की दौड़ में थीं, लेकिन दो बोगी से वह लीडिया से पिछड़ गईं, जिन्होंने आखिरी दौर में नौ बर्डी लगाई।
इस स्पर्धा में उतरीं भारत की दूसरी गोल्फर दीक्षा डागर तो काफी पिछड़ गईं। उनका कुल स्कोर 6 ओवर 290 (76,72,72,70) रहा वह 60 गोल्फरों के बीच 51वें स्थान पर रहीं।