कोलकाता, 15 फरवरी। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद मिमी चक्रवर्ती ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में जादवपुर सीट से जीत हासिल करने वाली टॉलीवुड की जानी मानी अभिनेत्री मिमी ने स्थानीय नेतृत्व के प्रति नाखुशी जाहिर करते हुए गुरुवार को पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी को अपना इस्तीफा सौंपा।
मिमी का इस्तीफा तकनीकी तौर पर मान्य नहीं
मिमी ने कहा कि वह अपनी सीट पर टीएमसी के स्थानीय नेतृत्व से नाखुश हैं। हालांकि उन्होंने अपना इस्तीफा लोकसभा अध्यक्ष को नहीं सौंपा है, लिहाजा तकनीकी तौर पर उन्होंने सिर्फ अपने फैसले की घोषणा की है। इसे औपचारिक इस्तीफे के रूप में नहीं माना जाएगा।
‘राजनीति मेरे लिए नहीं है‘
टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी को इस्तीफा सौंपने के बाद मिमी चक्रवर्ती ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘राजनीति मेरे लिए नहीं है, राजनीति पर यदि आप किसी की मदद कर रहे हैं तो आपको उसका प्रचार करना होता है। राजनीति के साथ-साथ मैं एक अभिनेत्री के रूप में भी कार्य करती हूं, मेरा दायित्व दोनों तरफ एक समान बनता है। यदि कोई राजनीति में आता है तो आप काम करें या न करें, आपको भला-बुरा कहा जाता है।’
‘दीदी जो कहेंगी, उसके बाद मैं आगे की प्रक्रिया को पूरा करूंगी’
मिमी ने आगे कहा, ‘मुझे जो परेशानी है, उसे लेकर मैंने ममता बनर्जी से बात की है। जिस पार्टी ने मुझे आगे आने का मौका दिया, मैं अपने इस्तीफे की जानकारी उन्हें पहले देना चाहती हूं। 2022 में भी मैंने एक बार अपने सांसद पद से इस्तीफे को लेकर दीदी से बात की थी, तब उन्होंने इसे नामंजूर कर दिया था। दीदी जो कहेंगी, उसके बाद मैं आगे की प्रक्रिया को पूरा करूंगी।’
इसमें कोई दो राय नहीं कि 35 वर्षीया मिमी चक्रवर्ती बंगाली फिल्म इंडस्ट्री (टॉलीवुड) में मशहूर नाम है। पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में जन्मीं मिमी ने 2012 में फिल्म चैम्पियन से करिअर की शुरुआत की थी। उन्होंने बंगाली इंडस्ट्री में 25 से ज्यादा सफल फिल्मों में काम किया। उनकी लोकप्रियता को देखते हुए ही 2019 में टीएमसी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया था और उन्होंने भाजपा नेता अनुपम हाजरा को लगभग दो लाख 95 हजार वोटों के भारी भरकम अंतर से हराया था।
TMC नेता ने मिमी पर लगाए थे ये आरोप
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल सरकार में राज्य मंत्री श्रीकांत महतो ने सांसद मिर्मी चक्रवर्ती समेत अन्य बड़े नेताओं पर पैसे लूटने का दावा किया था। उन्होंने आरोप लगाया था, ‘मिमी चक्रवर्ती, जून मालिया, सयानी घोष, सयंतिका बनर्जी, नुसरत जहां जैसे नेता पैसे लूट रहे हैं। यदि ये नेता पैसे लूटकर पार्टी के लिए संपत्ति बन जाते हैं तो हम मंत्री नहीं रहना चाहते हैं। लोग कह रहे हैं कि इस कैबिनेट के सभी मंत्री चोर हैं। पार्टी उन चोरों की ही सुनेगी। हमें नए रास्ते तलाशने होंगे। हमें इसके खिलाफ एक आंदोलन खड़ा करना होगा।’