कोलकाता, 15 जून। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने गुरुवार को कोविन पोर्टल में संग्रहीत गोपनीय और संवेदनशील डेटा के लीक होने की खबरों पर एफआईआर दर्ज कराई है। यह दावा करते हुए कि उल्लंघन एक ‘अभूतपूर्व स्थिति’ है, सांसद ने कहा कि इसके अकल्पनीय परिणाम होंगे।
कोलकाता के लालबाजार साइबर पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत में तृणमूल नेता ने कहा, ‘एक गहरी साजिश चल रही है, जिसमें उच्चपदस्थ लोक सेवक, सरकारी अधिकारी और अन्य अज्ञात व्यक्ति शामिल हैं, जिन्होंने नागरिकों से संबंधित संवेदनशील डेटा का खुलासा किया है और इस प्रक्रिया में निजी संस्थाओं को व्यक्तिगत डेटा चोरी की अनुमति दी।
टीएमसी सांसद ने कहा कि यह जांच बाकी है कि इस तरह के डेटा को भारत के भीतर और साथ ही विदेशी खिलाड़ियों के लिए निजी संस्थाओं को कितनी दूर और कितनी गहराई तक प्रकट किया गया है।
उन्होंने दावा, ‘सरकारी संगठनों और उच्च पदस्थ अधिकारियों ने बेईमानी से संवेदनशील जानकारी का दुरुपयोग किया है और ऐसी व्यक्तिगत संपत्ति का निबटान किया है, जो उन्हें तीसरे पक्ष को सौंपी गई थी, यह पूरी तरह से अच्छी तरह से जानते हुए कि इस तरह के अवैध कार्यों से नागरिकों को अपूरणीय गलत नुकसान और क्षति होगी।’
‘हम एक अभूतपूर्व स्थिति का सामना कर रहे, इसके अकल्पनीय परिणाम होंगे‘
डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा, ‘हम एक अभूतपूर्व स्थिति का सामना कर रहे हैं, जिसमें भारत के लगभग सभी नागरिकों का व्यक्तिगत डेटा, जिन्होंने कोविन पोर्टल के तहत पंजीकरण कराया है, तीसरे पक्ष को सौंपने का जोखिम है। इसके अकल्पनीय परिणाम होंगे।
उन्होंने अपनी शिकायत में कहा ‘यह उल्लेखनीय है कि संसद सदस्यों, उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों और अन्य संवैधानिक पद धारकों के व्यक्तिगत डेटा से समझौता किया गया है … कोई नहीं जानता कि आज तक इस तरह के डेटा का उपयोग क्यों और कैसे किया गया है। इसलिए, जब तक आपके कार्यालय द्वारा तत्काल और तत्काल कदम नहीं उठाए जाते, तब तक देश की सुरक्षा और सुरक्षा पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकते हैं।’
गौरतलब है कि टेलीग्राम पर कथित तौर से कोविन-पंजीकृत उपयोगकर्ताओं के अलावा राजनीतिक दलों और वरिष्ठ नौकरशाहों के हाई-प्रोफाइल राजनेताओं की व्यक्तिगत जानकारी सामने आई। हालांकि केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि मंत्रालय ने तुरंत दावों की समीक्षा की और पाया कि कोविन एप या इसके डेटा का सीधे तौर पर उल्लंघन नहीं किया गया था।