वाराणसी, 3 जून। विश्वनाथ धाम कॉरिडोर और नमो घाट के निर्माण के साथ ही देश में पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन चुके धार्मिक शहर वाराणसी में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस क्रम में क्राइम पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट कर 49 लाख रुपये की ठगी करने वाले तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
हवाला के जरिए ठगी की रकम भेजते थे विदेश
गिरफ्तार अभियुक्तों में लखनऊ का सदर बाजार निवासी गौरव जायसवाल (22), सीतापुर का खैराबाद थाना निवासी ताबिश उर रहमान (21) और सीतापुर का ही असद वकील खान (27) है। अभियुक्तों के पास से तीन मोबाइल फोन बरामद हुए हैं, जिन्होंने हाई कोर्ट के रिटायर्ड अस्सिटेंट रजिस्ट्रार को डिजिटल अरेस्ट कर 49.40 लाख रुपये की ठगी की थी। वे हवाला के जरिए ठगी की रकम विदेश भेजते थे।
एडीसीपी क्राइम श्रुति श्रीवास्तव ने मंगलवार को मीडिया को यह जानकारी देते हुए बताया कि महमूरगंज के रहने वाले सुभाष चंद्र ने गत 11 मई को साइबर क्राइम थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सुभाष चंद्र के अनुसार साइबर अपराधियों ने उन्हें गिरफ्तारी का डर दिखाकर उनसे कुल 49.40 लाख रुपये ठगी की है। थाना साइबर क्राइम में आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इंस्पेक्टर विजय कुमार यादव के नेतृत्व में टीम बनाई गई। टीम ने सर्विलांस और मुखबिर के जरिए ती शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया।
श्रुति श्रीवास्तव ने बताया कि ये शातिर ठग हवाला के जरिए पैसा बाहर भेजते थे। उसकी भी जांच चल रही है, इसमें कुछ लोग चिह्नित किए गए हैं। जल्द ही उनका खुलासा किया जाएग।
बैंक खाताधारकों को लालच देकर फंसाते थे साइबर ठग
गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपित आम नागरिकों को पैसे का लालच देकर उनके नाम से बैंक खाता खुलवाते थे। खाताधारकों को थोड़ी धनराशि देकर उनकी पूरी बैंकिंग किट अपने कब्जे में ले लेते थे। इसके बाद खातों का उपयोग डिजिटल हाउस अरेस्ट और इन्वेस्टमेंट से जुड़ी ठगी में किया जाता था। ठगी की धनराशि इन खातों में मंगवाई जाती थी, जिसे कई खातों में ट्रांसफर कर नकद निकाल लिया जाता और फिर विदेशी सहयोगियों को डॉलर में भुगतान किया जाता था।

