जयपुर, 1 जनवरी। देश में अन्य राजों की भांति राजस्थान में भी कोरोना की रफ्तार बढ़ते देख राज्य सरकार ने सख्ती बढ़ाने का फैसला किया है। शनिवार को ही जयपुर में कोरोना के डेल्टा और ओमिक्रॉन के करीब 200 मामले सामने आए। यह आंकड़ा पिछले छह महीनों में सबसे ज्यादा है।
सीएम गहलोत की अधिकारियों को हिदायत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को हिदायत दी है कि जनवरी तक पूरी आबादी को दोनों डोज लगा दिए जाएं और जो लोग वैक्सीन नहीं लगवे रहे हैं, उनके घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगाने का नियम बनाया जाए। उन्होंने कहा है कि एक फरवरी से बिना वैक्सीन वालों को घर से बाहर निकलने पर रोक लगाई जाएगी।
राजस्थान में ओमिक्रॉन के 52 नए केस
इस बीच राजस्थान में आज ओमिक्रॉन के कुल 52 नए केस सामने आए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 38 केस जयपुर में दर्ज किए गए। ओमिक्रॉन पॉजिटिव इन सभी लोगों की कान्टेक्ट
कोरोना के बढ़ते मामलों की 3 जनवरी को समीक्षा की जाएगी
राज्य सरकार तीन जनवरी को कोरोना के बढ़ते मामलों की समीक्षा करेगी। उस दौरान स्कूल-कॉलेज बंद करने पर भी फैसला हो सकता है। चूंकि राजस्थान सरकार ने नए साल के जश्न पर पाबंदी नहीं लगाई थी, लिहाजा पूरे जयपुर में नए साल की खूब पार्टियां हुईं।
सार्वजनिक स्थानों पर होगी सख्ती
समझा जाता है कि नए साल पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु बिना मास्क के मंदिरों में आए हैं, जिसकी वजह से कोरोना संक्रमण फैलने का ख़तरा बढ़ा है। रविवार से राजस्थान पुलिस सड़क पर रहेगी और बिना मास्क निकालने वालों का चालान किया जाएगा। इसी क्रम में जयपुर के मोती डूंगड़ी और गोविंद देवजी जैसे बड़े मंदिरों ने सिर्फ दोनों डोज वैक्सीन लगाने वाले श्रद्धालुओं को ही मंदिर में प्रवेश देने का फैसला किया है।
धार्मिक आयोजनों और राजनीतिक रैलियों में भी शामिल होने वाले लोगों की संख्या सीमित की गई है। यहां 200 से ज़्यादा लोग शामिल नहीं हो सकते, वरना 10,000 का जुर्माना लगाया जाएगा। लेकिन इसका पालना होते कहीं दिखाई नहीं पड़ रहा है। राजनेताओं की सभाएं भी हो रही हैं और मंदिरों में आयोजन भी हो रहे हैं। मेहंदीपुर बालाजी और खाटू श्याम जी जैसे राजस्थान के बड़े मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी रही है।