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‘आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपइया’, ऐसे में पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम करने का यह सही वक्त नहीं : धर्मेंद्र प्रधान

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अहमदाबाद, 7 जून। ठेठ भाषा में एक कहावत है –‘आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपइया।’ कोविड-19 महामारी के दौरान कुछ यही हाल इस समय देश का है, जहां केंद्र सरकार की आमदनी कम हो गई है और विभिन्न मदों में खर्च बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में डीजल और पेट्रोल की आसमान छूती कीमतें निकट भविष्य में कम नहीं होने वाली हैं। देश के पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को यहां कुछ ऐसा ही संकेत दिया।

ज्ञातव्य है कि हाल के दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और कुछ स्थानों पर तो पेट्रोल का मूल्य 100 रुपये प्रति लीटर से भी ज्यादा हो गया है। पेट्रो उत्पादों की बढ़ती कीमतों को लेकर भिन्न राजनीतिक दल भी केंद्र सरकार पर लगातार सवाल उठा रहे हैं। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने भी पिछले दिनों कहा था कि सरकार को इस मामले में कोई कदम उठाना चाहिए।

गुजरात के दौरे पर आए धर्मेंद्र प्रधान ने पेट्रो उत्पादों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि के सवाल पर जवाब दिया कि अभी सरकार की आमदनी काफी कम हो गई है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान आमदनी कम रही और इसके 2021-22 में भी कम रहने के आसार हैं। उन्होंने कहा कि आमदनी कम हुई है और सरकार का खर्च बढ़ा है।

उन्होंने कहा कि हेल्थ सेक्टर में खर्च बढ़ा है। वेलफेयर एक्टिविटीज में भी सरकार खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि बढ़े खर्च और कम हुई आमदनी को देखते हुए डीजल-पेट्रोल के दाम कम करने का यह सही वक्त नहीं है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी इसका मुख्य कारण

पेट्रोलियम मंत्री ने यह भी कहा कि डीजल और पेट्रोल की कीमतों में इजाफे के पीछे मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव 70 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया है। डीजल और पेट्रोल की कीमतें इसलिए बढ़ रही हैं।

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