नई दिल्ली, 27 अक्टूबर। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने ऐसे 22 फर्जी विश्वविद्यालयों की एक सूची जारी की है, जो मौजूदा समय देश के विभिन्न राज्यों में संचालित किए जा रहे हैं। आयोग ने एक गैर-मान्यता प्राप्त संस्थान द्वारा खुद को गलत तरीके से वैध इंजीनियरिंग कॉलेज बताने पर भी चिंता जताई है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सर्वाधिक 10 फर्जी संस्थान
दिलचस्प तो यह है कि यूजीसी के राज्यवार फर्जी संस्थानों की सूची के अनुसार सर्वाधिक 10 राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश में चार, आंध्र प्रदेश, केरल और पश्चिम बंगाल में दो-दो और महाराष्ट्र व पुडुचेरी में एक-एक विश्वविद्यालय हैं।
यूजीसी का कहना है कि ऐसा फर्जी संस्थान खुद को वैध विश्वविद्यालय होने का दावा करते हैं और प्रवेश देते हैं, लेकिन यूजीसी के मानदंडों के विरुद्ध काम करते हैं। उम्मीदवारों को ध्यान देना चाहिए कि इन संस्थानों से प्राप्त कोई भी डिग्री अमान्य है।
देश में संचालित फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची
दिल्ली
- अखिल भारतीय लोक एवं शारीरिक स्वास्थ्य विज्ञान संस्थान (A.I.I.P.H.S. State Government University)।
- कमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड, दरियागंज।
- संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय।
- व्यावसायिक विश्वविद्यालय।
- एडीआर-केंद्रित न्यायिक विश्वविद्यालय, राजेंद्र प्लेस।
- भारतीय विज्ञान एवं अभियांत्रिकी संस्थान, नई दिल्ली।
- विश्वकर्मा स्वरोजगार मुक्त विश्वविद्यालय।
- आध्यात्मिक विश्वविद्यालय, रोहिणी।
- विश्व शांति संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय (WPUNU), पीतमपुरा।
- प्रबंधन एवं अभियांत्रिकी संस्थान, कोटला मुबारकपुर।
इन संस्थानों में से कई अपने नामों में ‘विश्वविद्यालय’, ‘संयुक्त राष्ट्र’ या ‘राज्य सरकार’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर छात्रों को भ्रमित करते हैं।
उत्तर प्रदेश
- गांधी हिन्दी विद्यापीठ, प्रयागराज।
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस मुक्त विश्वविद्यालय, अलीगढ़।
- भारतीय शिक्षा परिषद, लखनऊ।
- महामाया तकनीकी विश्वविद्यालय, नोएडा।
ये संस्थान छात्रों को डिग्री और डिप्लोमा कोर्स की पेशकश करते हैं, लेकिन यूजीसी द्वारा किसी को भी अधिकृत नहीं किया गया है।
आंध्र प्रदेश
- क्राइस्ट न्यू टेस्टामेंट डीम्ड यूनिवर्सिटी, जो गुंटूर में दो अलग-अलग पतों पर संचालित बताई गई है।
- बाइबल ओपन यूनिवर्सिटी ऑफ इंडिया, जो विशाखापत्तनम के एनजीओ कॉलोनी में स्थित है।
ये दोनों संस्थान धर्म या थियोलॉजिकल स्टडीज के नाम पर डिग्रियां प्रदान करते हैं, लेकिन यूजीसी की मान्यता इनके पास नहीं है।
पश्चिम बंगाल
- भारतीय वैकल्पिक चिकित्सा संस्थान, कोलकाता।
- वैकल्पिक चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान, ठाकुरपुकुर, कोलकाता।
ये संस्थान वैकल्पिक चिकित्सा और हर्बल साइंस के कोर्स के नाम पर फर्जी सर्टिफिकेट जारी करते थे।
केरल
- अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक प्रोफेटिक मेडिसिन विश्वविद्यालय (IIUPM), कोझीकोड।
- सेंट जॉन्स विश्वविद्यालय, किशनट्टम।
ये संस्थान मेडिकल और हायर एजुकेशन कोर्स के नाम पर डिग्रियां देने का दावा करते हैं, लेकिन इनके पास कोई वैध विश्वविद्यालय का दर्जा नहीं है।
महाराष्ट्र
- राजा अरबी विश्वविद्यालय है। नागपुर में स्थित यह संस्थान धार्मिक अध्ययन के नाम पर फर्जी डिग्रियां जारी करता पाया गया है।
पुडुचेरी
- श्री बोधि एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन। यह थिलास्पेट, वजुतावुर रोड पर स्थित है और उच्च शिक्षा के नाम पर गैर-मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम चला रहा था।
छात्रों के लिए चेतावनी
यूजीसी ने सभी छात्रों को आगाह किया है कि वे किसी भी विश्वविद्यालय या संस्थान में दाखिला लेने से पहले उसकी मान्यता (UGC Recognition) की जांच अवश्य करें। किसी फर्जी विश्वविद्यालय से ली गई डिग्री का कोई कानूनी या अकादमिक मूल्य नहीं होता।
आयोग ने इसी क्रम में यूजीसी अधिनियम, 1956 की धारा 22 का उल्लंघन करते हुए अनधिकृत डिग्री कार्यक्रम चलाने के लिए दिल्ली के कोटला मुबारकपुर स्थित प्रबंधन एवं इंजीनियरिंग संस्थान में प्रवेश लेने वाले छात्रों को चेतावनी दी है। नियामक ने स्पष्ट किया है कि यह संस्थान किसी भी केंद्रीय या राज्य अधिनियम के तहत स्थापित नहीं किया गया है और न ही इसे यूजीसी अधिनियम की धारा 2(एफ) या 3 के तहत मान्यता प्राप्त है।

