लखनऊ, 17 दिसम्बर। उत्तर प्रदेश में अब जमीनों की खरीद-फरोख्त में फर्जीवाड़े की गुंजाइश खत्म होगी। सरकार के एक शासनादेश के मुताबिक भू-सम्पत्ति के दस्तावेज के रजिस्ट्रीकरण की प्रक्रिया में अब पक्षकारों की पहचान, उनकी सहमति से किए जाने के लिए आधार प्रमाणीकरण किया जाएगा।
स्टाम्प एवं रजिस्ट्री विभाग ने जारी किया शासनादेश
रजिस्ट्रीकरण अधिनियम-1908 के अधीन राज्यपाल ने इस बारे में अनुज्ञा प्रदान की है। उसके बाद स्टाम्प एवं रजिस्ट्री विभाग की प्रमुख सचिव वीना कुमारी ने इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है। इस शासनादेश के अनुसार दस्तावेज रजिस्ट्रीकरण की प्रक्रिया में आधार प्रमाणीकरण के लिए पक्षकारों की सहमति प्राप्त करने की पद्धति महानिरीक्षक निबंधन द्वारा स्थापित की जाएगी।
अब पक्षकारों की सहमति से आधार की स्कैनिंग भी होगी
अब तक दस्तावेज रजिस्ट्रीकरण की प्रक्रिया में पक्षकारों और गवाहों के आधार लिए तो जाते थे, लेकिन नकल में उनके प्रिंट आउट नहीं शामिल किए जाते थे क्योंकि ऐसा करने से आधार का दुरुपयोग हो रहा था। अब पक्षकारों की सहमति से आधार की स्कैनिंग भी होगी।