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दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज एमएससी इरिना पहुंचा विझिंजम इंटरनेशनल पोर्ट

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 मई को भारत के पहले कंटेनर शिपमेंट पोर्ट विझिंजम पोर्ट को राष्ट्र के नाम समर्पित किया। इसके 1 महीने से कुछ अधिक वक्त में ही इस पोर्ट के नाम एक और कीर्तिमान दर्ज हो गया एएहै। यहां दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज एमएससी इरीना पहुंच चुका है। यह विशालकाय जहाज किसी भी दक्षिण एशियाई पोर्ट पर पहली बार पहुंचा है। इससे स्पष्ट होता है कि विझिंजम पोर्ट में भारी मात्रा में कंटेनर ढोने वाले जहाजों को हैंडल करने की बेहतरीन क्षमता है।

टीईयू (ट्वेंटी-फुट इक्विवेलेंट यूनिट) क्षमता के हिसाब से दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर जहाज के रूप में पहचाने जाने वाला एमएससी इरीना 9 जून यानी सोमवार सुबह विझिंजम अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह पहुंचा। यह 10 जून मंगलवार तक यहां रहेगा। इस विशालकाय जहाज का आगमन न सिर्फ विझिंजम पोर्ट बल्कि भारत के व्यापारिक समुद्री यातायात के लिए भी एक मील का पत्थर साबित होगा।

एमएससी इरिना की क्षमता 24,346 टीईयू है। मतलब यह 20 फुट वाले स्टैंडर्ड साइज के 24 हजार से भी ज्यादा कंटेनर को एक बार में ढो सकता है। इसकी यह क्षमता इसे वैश्विक शिपिंग में एक मजबूत खिलाड़ी बनाती है। 399.9 मीटर की लंबाई और 61.3 मीटर की चौड़ाई वाला यह जहाज एक मानक फुटबॉल मैदान से लगभग चार गुना लंबा है। इसे एशिया और यूरोप के बीच बड़ी मात्रा में कंटेनरों के अवागमन की सुविधा के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया। एमएससी इरिना को मार्च 2023 में लॉन्च किया गया था और उसी साल अप्रैल में इसकी पहली यात्रा शुरू हुई थी। यह लाइबेरिया के झंडे के नीचे चलता है और इसे 26 लेवल तक कंटेनरों को स्टैक करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। कंटेनर को रखने के लिहाज से भी यह एक अद्वितीय क्षमता है।

यह जहाज पहली बार किसी दक्षिण एशियाई बंदरगाह पर पहुंच रहा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि विझिंजम पोर्ट, अल्ट्रा-लार्ज कंटेनर वेसल्स यानी बेहद भारी मात्रा में कंटेनर ढोने वाले जहाजों को संभालने में पूरी तरह से सक्षम है। पोर्ट ने हाल ही में एमएससी तुर्किये और एमएससी मिशेल कैपेलिनी सहित अन्य आइकन-क्लास जहाजों का स्वागत किया है। इससे विझिंजम पोर्ट की समुद्री व्यापार में एक प्रमुख केंद्र के रूप में प्रतिष्ठा और मजबूत हुई है।

एमएससी इरिना ने कंटेनर ढोने के मामले में अपने पूर्ववर्ती जहाज ओओसीएल स्पेन को 150 टीईयू के अंतर से पीछे छोड़ दिया है। एमएससी इरिना न सिर्फ सामान ढोने के मामले में बल्कि पर्यावरण मानकों के हिसाब से काफी खास है। यह जहाज ऊर्जा-बचत की सुविधाओं से लैस है, जो कार्बन उत्सर्जन में 4% तक की कमी लाने में योगदान देता है। इससे परिचालन दक्षता बनाए रखते हुए कार्बन फुटप्रिंट में उल्लेखनीय कमी आती है। विझिंजम इंटरनेशनल पोर्ट पर एमएससी इरीना का आगमन न सिर्फ वैश्विक शिपिंग में इस पोर्ट के रणनीतिक महत्व को रेखांकित करता है, बल्कि व्यावसायिक समुद्री यातायात में भारत की एक ऊंची छलांग को भी दिखाता है।

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