नई दिल्ली, 7 अक्टूबर। केंद्र सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने मिलकर आईडीबीआई बैंक में 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है। शुक्रवार को इस आशय की जानकारी दी गई। इसके साथ ही आईडीबीआई बैंक के निजीकरण का रास्ता साफ हो गया है। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) संभावित बोलीदाताओं से रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) आमंत्रित करेगा।
केंद्र सरकार 30.48 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी
केंद्र आईडीबीआई बैंक में अपनी 30.48 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगा और एलआईसी 30.24 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगा। दीपम के सचिव ने ट्वीट किया, ‘आईडीबीआई बैंक में भारत सरकार और एलआईसी हिस्सेदारी के स्ट्रैटेजिक विनिवेश के साथ मैनेजमेंट कंट्रोल भी ट्रांसफर किया जाएगा। इसके लिए बोलियां मंगवाई जाएंगी।’
Expression of Interest is invited for Strategic Disinvestment of specified GoI and LIC stakes in IDBI Bank along with tranfer of management control. Details are at https://t.co/hnxumJlDpo pic.twitter.com/sQbZIgLhVu
— Secretary, DIPAM (@SecyDIPAM) October 7, 2022
आईडीबीआई बैंक के लिए ईओआई जमा करने की अंतिम तारीख 16 दिसम्बर है। सभी ईओआई 180 दिनों के लिए वैध होंगे और इसे 180 दिनों के लिए और बढ़ाया जा सकता है। दीपम ने कहा, ‘सफल बोली लगाने वाले को आईडीबीआई बैंक के सार्वजनिक शेयरधारकों के लिए खुली पेशकश करनी होगी।’
गौरतलब है कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पिछले वर्ष मई में आईडीबीआई बैंक में रणनीतिक विनिवेश और मैनेजमेंट कंट्रोल ट्रांसफर के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी थी।