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‘भारत बनाम इंडिया’ विवाद पर संयुक्त राष्ट्र ने तुर्किए का दिया उदाहरण, कहा – ‘अनुरोध मिलने पर करेंगे विचार’

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नई दिल्ली, 7 सितम्बर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के G20 रात्रिभोज निमंत्रण में उन्हें पारंपरिक ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की बजाय ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के रूप में संदर्भित करने के हालिया विवाद के बीच संयुक्त राष्ट्र ने देशों से नाम बदलने के अनुरोध पर एक बयान दिया है। विश्व निकाय ने कहा कि वह ऐसे अनुरोधों पर तभी विचार करता है, जब उन्हें वे मिलते हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने बुधवार को तुर्की द्वारा पिछले साल अपना नाम बदलकर तुर्किए करने का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, ‘खैर तुर्किए के मामले में हमने सरकार द्वारा हमें सौंपे गए एक औपचारिक अनुरोध का जवाब दिया। जाहिर है, अगर हमें इस तरह के अनुरोध मिलते हैं, तो हम उन पर वैसे ही विचार करते हैं, जैसे वे आते हैं।’

पीएम मोदी ने अपने मंत्रियों से भारत मुद्दे पर राजनीतिक विवाद से बचने को कहा

भारत में मंगलवार को विवाद खड़ा हो गया और विपक्ष ने नरेंद्र मोदी सरकार पर ‘इंडिया’ को हटाकर सिर्फ ‘भारत’ के नाम के साथ रहने की योजना बनाने का आरोप लगाया। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों से भारत मुद्दे पर राजनीतिक विवाद से बचने के लिए कहा, यह देखते हुए कि यह देश का प्राचीन नाम रहा है।

इस बीच विपक्ष ने आरोप लगाया कि इस कदम से पता चलता है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) I.N.D.I.A ब्लॉक से डरी हुई है। हालांकि, सत्तारूढ़ दल ने कहा कि भारत का उपयोग करने में कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि यह संविधान का हिस्सा है। मंत्रिपरिषद की बैठक में पीएम मोदी ने शर्तों के साथ मंत्रियों को सनातन धर्म विवाद पर बोलने की इजाजत दी।

सनातन धर्म को लेकर विवाद तब शुरू हुआ, जब डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि सनातन धर्म समानता और सामाजिक न्याय विरोधी है और इसे खत्म किया जाना चाहिए। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना कोरोनोवायरस, मलेरिया और डेंगू बुखार से करते हुए कहा कि इस पर हमला नहीं किया जाना चाहिए बल्कि इसे खत्म कर दिया जाना चाहिए।

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