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कक्षा में छात्र की पिटाई को लेकर आरोपित शिक्षिका ने कहा – ‘मामले को तूल देकर मुझे प्रताड़ित किया जा रहा’

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मुजफ्फरनगर, 26 अगस्त। यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में एक निजी स्कूल की अध्यापिका तृप्ता त्यागी ने एक अल्पसंख्यक छात्र को अन्य छात्रों से पिटवाने के आरोपों को निराधार करार देते हुए कहा कि इस मामले को तूल देकर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है और वह अब जीना नहीं चाहती।

घटना के बाद अध्यापिका के खिलाफ एफआईआर दर्ज

गौरतलब है कि शुक्रवार की इस घटना के बाद जिले के मंसूरपुर थाने में महिला टीचर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। उनपर क्लास में सांप्रदायिक भेदभाव फैलाने का आरोप है। उन्होंने कथित तौर पर अपनी क्लास के छात्रों को एक अल्पसंख्यक छात्र को पीटने के लिए उकसाया है।

मुझे बच्चे को अनुशासित करने के लिए कहा गया था

तृप्ता त्यागी ने अपनी सफाई में कहा, ‘हमारे गांव के मुस्लिम परिवारों से पूछें कि क्या मैं नियमित रूप से बच्चों को इस तरह प्रताड़ित करती हूं? तब यह स्पष्ट हो जाएगा। मुझे बच्चे को अनुशासित करने के लिए कहा गया था। इसलिए, जब मैं कक्षा को पढ़ा रही थी, मैंने उससे पूछा कि क्या उसने वह लेसन याद कर लिया, जो उन्हें याद करने के लिए कहा गया था। मैंने उसे पहले ही चेतावनी दे दी थी कि अगर उसने ऐसा नहीं किया तो मैं उसे सजा दूंगी।’

मेरे पढ़ाने के तरीके पर गांव के मुस्लिम परिवार अच्छी प्रतिक्रिया देंगे

एक वीडियो के जरिए महिला टीचर ने कहा, ‘मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है। मैं अब और जीना नहीं चाहती। इससे मेरी मानसिक स्थिति को काफी ठेस पहुंचा है।’ तृप्ता त्यागी ने दावा किया कि अगर उनके पढ़ाने के तरीके के बारे में पूछा जाए तो उनके गांव के मुस्लिम परिवार अच्छी प्रतिक्रिया देंगे।

स्मरण रहे कि मंसूरपुर थाना क्षेत्र के खुब्‍बापुर स्थित गांव के एक निजी स्कूल का वीडियो जारी होने के बाद हंगामा मचा हुआ है। आरोप है कि दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र की शुक्रवार को उसकी कक्षा के अन्य छात्रों ने पिटाई कर दी और अध्यापिका के निर्देश पर उसे एक के बाद एक थप्पड़ मारे गये। यह भी आरोप है कि वीडियो में एक समुदाय विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है।

शिक्षा विभाग ने जारी की कारण बताओ नोटिस

इस बीच शिक्षा विभाग द्वारा स्‍कूल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा गया है कि क्यों न विद्यालय की मान्‍यता निरस्‍त कर दी जाए? मुजफ्फरनगर के बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ल ने बताया कि प्रबंधन समिति के सचिव रवींद्र त्यागी के माध्यम से स्कूल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस भेजी गई है और 28 अगस्त तक जवाब मांगा गया है कि क्यों न निर्धारित मानदंडों के उल्लंघन में आपके नेहा पब्लिक स्कूल की सरकारी मान्यता रद कर दी जाए।

वहीं मुजफ्फरनगर पुलिस की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि खुब्बापुर गांव स्थित स्कूल की अध्यापिका द्वारा एक छात्र के स्कूल का कार्य न करने पर उसे कक्षा के अन्य छात्रों से पिटवाने और उसके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने की घटना के संबंध में पीड़ित छात्र के परिजनों की तहरीर पर मंसूरपुर पुलिस द्वारा मामला दर्ज किया गया।

घटना को लेकर राजनीति भी जारी

इस बीच पुलिस व प्रशासन की काररवाई के बीच इस घटना को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उस शिक्षिका को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की, जिसने अपने छात्रों को अल्पसंख्यक समुदाय के एक छात्र को कथित तौर पर थप्पड़ मारने के लिए कहा था।

सपा अध्यक्ष अखिलेश ने शिक्षिका को बर्खास्त करने की मांग उठाई

सोशल मीडिया पर प्रसारित घटना के कथित वीडियो को सपा ने ‘एक्स’ पर साझा करते हुए यह मांग उठाई, जिसे पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने पुन: पोस्‍ट किया। ‘एक्‍स’ पर सपा ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधते हुए कहा, “भाजपा और आरएसएस की नफरती राजनीति, देश को यहां ले आई! मुजफ्फरनगर में एक अध्यापिका अल्पसंख्यक समाज के बच्चे को दूसरे बच्चों से थप्पड़ मरवा रही। मासूमों के मन में जहर घोलने वाली शिक्षिका को तुरंत बर्खास्त किया जाए। उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।”

भाजपा का अखिलेश पर पलटवार

उधर सपा प्रमुख के बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है। प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा, “सपा प्रमुख का मुजफ्फरनगर के स्कूल की घटना को लेकर किया गया ट्वीट वोट की सतही राजनीति है और समाज में वैमनस्य पैदा करने का घृणित राजनीतिक एजेंडा है।” श्रीवास्तव ने कहा, “हम सभी विद्यार्थी पहाड़ा याद न करने, गणित के सवाल सही हल न करने या लिखावट अच्छी न होने के कारण स्कूल में शिक्षकों द्वारा दंडित किए जाते रहे हैं। यह छात्रों में अनुशासन लाने और उनकी प्रतिभा निखारने की सहज प्रक्रिया रही है।”

भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “हालांकि अन्य विद्यार्थियों से दंडित कराना गलत है। पुलिस प्रशासन ने घटना को संज्ञान में लिया है और संबंधित शिक्षिका के खिलाफ काररवाई सुनिश्चित की जाएगी। लेकिन सपा मुखिया द्वारा किया गया ट्वीट समाज में विद्वेष फैलाने और सरकार की छवि खराब कर वोट की असफल राजनीति करने का हिस्सा है।”

वहीं, पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने मामले को लेकर ‘एक्‍स’ पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “ज्ञान के मंदिर में एक बच्चे के प्रति घृणा भाव ने पूरे देश का सिर शर्म से झुका दिया है। शिक्षक वो माली है, जो प्राथमिक संस्कारों में ज्ञान रूपी खाद डालकर व्यक्तित्व ही नहीं, राष्ट्र भी गढ़ता है। इसलिए दूषित राजनीति से परे एक शिक्षक से उम्मीदें कहीं अधिक हैं। देश के भविष्य का सवाल है।”