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बांग्‍लादेश में हालात और बिगड़े, हिंसा के बीच पीएम शेख हसीना ने इस्‍तीफा देकर देश छोड़ा, सेना ने संभाली कमान

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ढाका, 5 अगस्त। बांग्‍लादेश में आरक्षण विरोध से शुरू हुए आंदोलन ने उग्र रूप धारण कर लिया है और भारी हिंसा के बीच राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू के बावजूद हालात इस कदर बिगड़ गए कि सत्ताधारी अवामी लीग की मुखिया प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्‍तीफा देना पड़ा।। शेख हसीना देश छोड़कर किसी सुरक्षित ठिकाने पर चली गई हैं।

सेना प्रमुख के अल्टीमेटम के बाद शेख हसीना ने दिया इस्तीफा

दरअसल, देश में बिगड़ते हालात के बीच सेना प्रमुख वकार-उज-जमान ने हसीना को 45 मिनट के अंदर इस्‍तीफा देने के लिए अल्‍टीमेटम दिया था। उन्होंने हसीना से कहा था कि उनको सम्मानजनक तरीके से इस्तीफा देकर सत्ता से हट जाना चाहिए। शेख हसीना के साथ उनकी बहन ने भी ढाका छोड़ दिया है। उनके भारत में शरण लेने का दावा किया जा रहा है।

शेख हसीना के भारत में शरण लेने का दावा किया जा रहा

इस बीच शेख हसीना के बेटे ने सुरक्षा बलों से किसी भी अनिर्वाचित सरकार को सत्ता में आने से रोकने का आग्रह किया है। वहीं प्रदर्शनकारी शेख हसीना के घर में घुस गए और तोड़फोड़ करने लगे। देश के कई इलाकों में जीत का जश्‍न मनाया जा रहा है।

कुछ घंटों के भीतर ही 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है

उल्लेखनीय है कि पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर रविवार से शुरू हुई हिंसा में कुछ घंटों के भीतर ही 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और अरबों की संपत्ति  आग के हवाले की जा चुकी है। लाखों की तादाद में लोग शेख हसीना के इस्तीफे की मांग करते हुए सड़कों उमड़ पड़े। इसी क्रम में राजधानी ढाका पर प्रदर्शनकारियों ने पूरी तरह कब्जा कर रखा है और लाखों लोग प्रमुख चौकियों पर जमे हुए हैं।

देश के नाम संबोधन में सेना प्रमुख करेंगे सत्ता परिवर्तन का एलान

बांग्लादेश मीडिया के अनुसार सेना प्रमुख वकार-उज-जमान वर्तमान में देश की स्थिति पर राजनीतिक दलों के नेतृत्व के साथ परामर्श में लगे हुए हैं। इसके बाद सेना प्रमुख का संबोधन होगा। माना जा रहा है कि सेना प्रमुख अपने संबोधन में सत्ता परिवर्तन का एलान करेंगे।

गौरतलब है कि बांग्लादेश में बीते महीने विवादास्पद कोटा प्रणाली पर ढाका विश्वविद्यालय में छात्र कार्यकर्ताओं की पुलिस और सरकार समर्थक प्रदर्शनकारियों के साथ हिंसक झड़प हुई थी। इन विरोध प्रदर्शनों में भीड़ बढ़ने लगी और हिंसा शुरू हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने कोटा घटाने का फैसला दिया तो चीजें ठीक होती दिखीं, लेकिन रविवार को हसीना के इस्तीफे की मांग करते हुए लाखों की तादाद में लोग सड़कों पर उतर आए और हालात शेख हसीना के नियंत्रण से बाहर हो गए।