Site icon Revoi.in

महागठबंधन की कवायद : विपक्ष की दूसरी बैठक अब 17 व 18 जुलाई को बेंगलुरु में होगी

Social Share

नई दिल्ली, 3 जुलाई। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा के खिलाफ मजबूत गठबंधन तैयार करने की कोशिशों में जुटे विपक्ष की दूसरी बैठक की तारीफ एक बार फिर परिवर्तित हुई है और अब यह बेंगलुरु में ही 17 व 18 जुलई को आहूत की गई है।

उल्लेखनीय है कि भाजपा विरोधी पार्टियों को एक साथ लाने के लिए कई दलों की बैठक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संयोजकत्व में 23 जून को पटना में हुई थी। उस दिन प्रेस कॉन्फ्रेस में नेताओं ने घोषणा की थी कि दूसरी बैठक शिमला में 10-12 जुलाई को शिमला में होगी। लेकिन हिमाचल प्रदेश में मौसम की खराब स्थिति और लगातार हो रही बारिश को देखते हुए इसे बेंगलुरु में 13-14 को रखने का फैसला किया गया। फिलहाल अब यह बैठक 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में ही होगी। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट कर यह जानकारी दी।

पटना में विपक्षी दलों की पहली बैठक में 15 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया था

पटना में 23 जून को हुई बैठक में 15 विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया था। बैठक में नीतीश कुमार और लालू यादव के अलावा मल्लिकार्जुन खड़गे, हेमंत सोरेन, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, फारुख अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और उद्धव ठाकरे जैसे कई नेता शामिल हुए थे। अब अगली बैठक में एक बार फिर नरेंद्र मोदी को आने वाले लोकसभा चुनाव में घेरने की रणनीति पर चर्चा होगी।

विपक्ष की तरफ से पीएम पद की चेहरे को लेकर कुछ भी तय नहीं

पहली बैठक खत्म होने के बाद विपक्षी नेताओं की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था, ‘हिन्दुस्तान की नींव पर हमला हो रहा है, इसलिए हमलोगों ने एक साथ आने का फैसला किया है।’ हालांकि अब भी यह तय नहीं है कि विपक्ष की तरफ से पीएम पद की चेहरा कौन होगा। राहुल गांधी के नाम पर सभी विपक्षी दल एक हों, ये अब तक संभव नहीं दिख रहा है।

मॉनसून सत्र के पहले एनसीपी के भाजपा के साथ आने की अटकलें

हालांकि विपक्ष की कोशिशों को देखते हुए भाजपा ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। 20 जुलाई से संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है। मीडिया खबरों की मानें तो इससे पहले शरद पवार की एनसीपी सत्तारूढ़ भाजपा के साथ आ सकती है। महाराष्ट्र में अजित पवार के नेतृत्व में जो कुछ घटा है, उसे देखते हुए ऐसी संभावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता। अटकलें ये भी हैं कि अकाली दल एक बार फिर से एनडीए का हिस्सा हो सकता है। एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल और अकाली दल की हरसिमरत कौर के मोदी कैबिनेट में शामिल होने की अटकलें भी हैं।