बाकू (अजरबेजान), 23 अगस्त। युवा भारतीय ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रज्ञानानंद और दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन के बीच बुधवार को यहां फिडे विश्व कप शतरंज टूर्नामेंट में फाइनल दूसरी क्लासिकल बाजी भी ड्रॉ रही। डेढ़ घंटे के खेल और 30 चालों के बाद दोनों खिलाड़ी ड्रॉ पर सहमत हो गए। चैंपियन का फैसला अब गुरुवार को टाईब्रेकर के जरिए होगा। इसके पूर्व मंगलवार को पहली बाजी चार घंटे से अधिक खेल और 70 से अधिक चालों के बाद ड्रॉ रही थी।
Game 2 of the FIDE World Cup Finals ends in a draw
Magnus Carlsen made a very solid draw against Rameshbabu Praggnanandhaa with the White pieces. Pragg did not face any troubles with Black – the players agreed to a draw after 30 moves of play in an equal Bishop ending.
Since… pic.twitter.com/AyXvGtA6FV
— ChessBase India (@ChessbaseIndia) August 23, 2023
नार्वे के दिग्गज खिलाड़ी कार्लसन ने सफेद मोहरों से 18 वर्षीय भारतीय किशोर प्रज्ञानानंद के खिलाफ ठोस प्रदर्शन किया। भारतीय खिलाड़ी को हालांकि काले मोहरों से खेलते हुए किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा और दोनों खिलाड़ी 30 चाल के बाद मुकाबले को ड्रॉ करने पर राजी हो गए।
इस बीच कार्लसन ने संकेत दिया है कि वह पूरी तरह स्वस्थ नहीं हैं और फूड प्वॉइजनिंग के शिकार हो गए हैं। अब यह देखना दिलचस्प रहेगा कि गुरुवार को बोर्ड पर उनकी प्रतिक्रिया कैसी रहती है क्योंकि टाई ब्रेक में प्रज्ञानानंद को काफी मजबूत माना जाता है। देखा जाए तो प्रज्ञानानंद 21 वर्षों बाद भारत को फिडे विश्व कप जिता सकते हैं। भारत ने आखिरी बार 2002 में शतरंज विश्व कप अपने नाम किया था, तब विश्वनाथन आनंद ने यह कमाल किया था।
उल्लेखनीय है कि प्रज्ञानानंद ने सोमवार को सेमीफाइनल में टाईब्रेक के जरिए दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी अमेरिकी ग्रैंडमास्टर फैबियानो करुआना को हराया था और फाइनल में जगह बनाने वाले दुनिया के सबसे कम उम्र खिलाड़ी बने थे। प्रज्ञानानंदा इसके साथ ही महान बॉबी फिशर और कार्लसन के बाद कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने वाले तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बन गए थे।