नई दिल्ली, 8 जून। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने विश्वव्यापी कोविड-19 से बच्चों में गंभीर संक्रमण के खतरे को खारिज करते हुए कहा है कि अब तक कोरोना के जो वैरिएंट आए हैं अथवा जिस तीसरी लहर के आने की आशंका जताई जा रही है, उससे बच्चों में गंभीर खतरा पनपने जैसी कोई बात नहीं है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मंगलवार को यहां राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में आहूत नियमित प्रेस ब्रीफिंग में डॉ. गुलेरिया ने कहा, ‘भारत का या विश्व का डेटा देखें तो अब तक ऐसा कोई डेटा नहीं आया, जिसमें दिखाया गया है कि बच्चों में अब ज्यादा गंभीर संक्रमण है। अब कोई सबूत नहीं है कि अगर कोविड की अगली लहर आएगी तो बच्चों में ज्यादा गंभीर संक्रमण होगा।’
डॉ. गुलेरिया ने कहा, ‘भारतीय या ग्लोबल स्टडी में ऐसी बात नहीं कही गई है कि बच्चों पर ज्यादा असर हो रहा है। यहां तक कि दूसरी लहर में भी जो बच्चे संक्रमित हुए, उनमें मामूली लक्षण ही थे। इसके अलावा अस्पतालों में भर्ती 60-70 फीसदी बच्चों में सहरूग्णता या कमजोर इम्युनिटी के चलते गंभीरता बढ़ गई थी। मैं नहीं मानता कि भविष्य में भी बच्चों पर कोरोना का कोई गंभीर असर होगा।’
उन्होंने यह भी कहा कि कोविड19 एक श्वसन वायरस है और यह सर्वविदित है कि एक महामारी श्वसन वायरस तरंगों में होता है। कई तरंगों के बाद, वायरस एक स्थानिक बीमारी की तरह हो जाता है और संक्रमण एक मौसमी बीमारी के रूप में विकसित हो जाता है।
कोरोना की दूसरी लहर बीते सप्ताह तेजी से कमजोर पड़ी
प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही मौजूदा स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर बीते एक सप्ताह में तेजी से कमजोर पड़ी है। कुल रिकवरी रेट तेजी से बढ़ते हुए 94.3% तक पहुंच गया है। इसके अलावा एक से सात जून के दौरान पॉजिटिविटी रेट 6.3% ही रहा है। पिछले महीने कोरोना के पीक से तुलना करें तो नए केसों की संख्या में 79 फीसदी तक की कमी आई है। बीते एक सप्ताह में नए केसों में 33 फीसदी की कमी देखने को मिली है। इसके अलावा एक्टिव केसों में भी 65 फीसदी की कमी आई है।
लव अग्रवाल ने कहा कि देश में अब 15 राज्य ऐसे हैं, जहां पॉजिटिविटी रेट पांच फीसदी से नीचे जा चुका है। देश के 322 जिलों में बीते एक माह से कोरोना के नए केसों में लगातार गिरावट का दौर देखने को मिल रहा है। भारत में प्रति दस लाख आबादी पर कोरोना वायरस के 20,822 मामले आए और 252 मौतें हुई हैं, जो दुनिया में सबसे कम है।
केंद्र सरकार ने दिया 44 करोड़ वैक्सीन खरीद का ऑर्डर
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. विनोद कुमार पॉल ने बताया कि केंद्र सरकार ने कोविशील्ड की 25 करोड़ और कोवैक्सिन की 19 करोड़ यानी दो वैक्सीन की कुल 44 करोड़ खुराक खरीदने का ऑर्डर दिया है। इस निमित्त केंद्र ने कम्पनियों को एडवांस के रूप में 30 करोड़ रुपये का भुगतान भी कर दिया है। सरकार ने जैविक ई के टीके की 30 करोड़ खुराक खरीदने का भी आदेश दिया है, जो सितम्बर तक उपलब्ध होगा।