लाहौर, 25 जून। पाकिस्तान में पंजाब प्रांत की सरकार सिख साम्राज्य के पहले शासक महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा बुधवार को करतारपुर साहिब में स्थापित करेगी ताकि भारत से आने वाले श्रद्धालु भी उसे देख सकें। इस प्रतिमा को कट्टरपंथियों ने दो बार क्षतिग्रस्त कर दिया था, जिसे अब एक बार फिर मरम्मत कर यहां स्थापित किया जाएगा।
इस प्रतिमा को दो बार क्षतिग्रस्त कर चुके हैं कट्टरपंथी
करतारपुर साहिब को गुरुद्वारा दरबार साहिब के नाम से भी जाना जाता है, जो लाहौर से करीब 150 किलोमीटर पूर्वोत्तर में भारत की सीमा के नजदीक है। महाराजा रणजीत सिंह सिख साम्राज्य के संस्थापक थे और उनके साम्राज्य का विस्तार भारतीय उप महाद्वीप के पश्चिमोत्तर में था एवं राजधानी लाहौर थी।
महाराजा रणजीत सिंह की नौ फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा को सबसे पहले लाहौर के किले में उनकी समाधि के नजदीक 2019 में स्थापित किया गया था, लेकिन इसे दो बार दक्षिणपंथी इस्लामिक राजनीतिक पार्टी तहरीक ए लबैक पाकिस्तान (टीएलपी) के कार्यकर्ताओं ने क्षतिग्रस्त कर दिया था।
पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) के अध्यक्ष एवं पंजाब प्रांत के पहले सिख मंत्री सरदार रमेश सिंह अरोड़ा ने आज बताया, ‘हम बुधवार को दोपहर बाद स्थानीय और भारतीय सिखों की मौजूदगी में महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब के पास स्थापित करने जा रहे हैं।’
महाराजा रणजीत सिंह की समाधि के जीर्णोद्धार का काम भी शुरू
उन्होंने कहा कि मरम्मत की गई प्रतिमा को करतारपुर साहिब में स्थापित किया जा रहा है ताकि वहां आने वाले भारतीय सिख भी इसे देख सके। अरोड़ा ने पुनर्स्थापित प्रतिमा की बेहतर सुरक्षा का भी भरोसा दिया। उन्होंने बताया कि महाराजा रणजीत सिंह की समाधि के जीर्णोद्धार का काम भी शुरू हो चुका है और यह जल्द पूरा हो जाएगा।