रांची, 28 अगस्त। झारखंड विधानसभा में मानसून सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को दिशोम गुरु शिबू सोरेन को ‘भारत रत्न’ देने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो गया। झारखंड सरकार के समाज कल्याण मंत्री दीपक बिरुआ ने सदन में यह प्रस्ताव रखा।
दीपक बिरुआ ने कहा कि शिबू सोरेन ने झारखंड आंदोलन के लिए अपना जीवन तमाम कर दिया। उनके संघर्ष से नया राज्य और नई पहचान मिली। मंत्री ने कहा कि 4 अगस्त को उनका निधन हो गया। प्रस्ताव करता हूं कि उन्हें ‘भारत रत्न’ देने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाए।
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन को ‘भारत रत्न’ के प्रस्ताव पर कहा, ‘हम संकल्प के साथ हैं।’ उन्होंने मांग रखी कि झारखंड आंदोलन के प्रणेता और झारखंड आंदोलन की नींव रखने वाले मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा और विनोद बिहारी महतो का नाम जरूर जोड़ें।
वहीं संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने सुझाव दिया कि प्रस्ताव में यह बात जोड़ी जाए कि भारत की आजादी में आदिवासी समाज का बहुमूल्य योगदान है। लेकिन आदिवासी समाज के किसी आंदोलनकारी, राजनीतिज्ञ, बुद्धिजीवी को आज तक ‘भारत रत्न’ नहीं मिला। ऐसे में शिबू सोरेन को ‘भारत रत्न’ दिया जाए, यह जरूर जोड़ा जाए।
गौरतलब है कि झारखंड आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले दिशोम गुरू शिबू सोरेन का लंबी बीमारी के बाद गत चार अगस्त को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया था। उनके निधन के बाद पार्थिव शरीर को झारखंड लाया गया और उनके पैतृक गांव नेमरा में अंतिम संस्कार किया गया था। उनके निधन के बाद से ही उन्हें ‘भारत रत्न’ देने की मांग जोर पकड़ने लगी थी।

