वेटिकन सिटी, 7 नवंबर। पोप फ्रांसिस ने महिलाओं का खतना किए जाने की प्रथा को अपराध करार दिया है। उन्होंने कहा कि समाज की भलाई के लिए महिलाओं के अधिकारों, समानता और अवसर की लड़ाई जारी रहनी चाहिए। पोप ने इस प्रथा का जिक्र करते हुए कहा, ‘क्या आज हम दुनिया में युवतियों के अंतर्मन की त्रासदी को नहीं रोक सकते? यह भयावह है कि आज भी एक प्रथा है, जिसे मानवता रोक नहीं पा रही है। यह एक अपराध है। यह एक आपराधिक कृत्य है।’
फ्रांसिस बहरीन से वापस लौटते समय महिलाओं के अधिकार के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि समाज की भलाई के लिए महिलाओं के अधिकारों, समानता और अवसर की लड़ाई जारी रहनी चाहिए। पोप ने कहा, ‘ईश्वर ने दो समान लोग बनाए… पुरुष और महिला। इसमें हमें किसी के साथ भी भेदभाव नहीं करना चाहिए।’
पोप से यह भी पूछा गया कि क्या वह ईरान में 22 वर्षीय महसा अमिनी की हिरासत में मौत के बाद हो रहे विरोध प्रदर्शन का समर्थन करते हैं? जबकि अमिनी को मॉरल पुलिस ने महिलाओं के लिए देश के सख्त ड्रेस कोड का उल्लंघन करने के बाद हिरासत में लिया था। फ्रांसिस ने सीधे तौर पर इसका कोई जवाब नहीं दिया। हालांकि, उन्होंने इस बात की निंदा की कि दुनिया भर की कई संस्कृतियों में महिलाओं को दूसरे दर्जे का नागरिक या इससे भी बदतर माना जाता है। उन्होंने कहा कि हमें इससे लड़ना जारी रखना होगा क्योंकि महिलाएं एक उपहार हैं।