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पीएफआई के नेटवर्क ने बढ़ाई जांच एजेंसियों की मुसीबत, कौन कर रहा फंडिंग

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लखनऊ, 5 अक्टूबर। रिमांड पर आए आल इंडिया उलमा काउंसिल के अध्यक्ष अहमद बेग से चौथे दिन भी खुफिया एजेन्सियों के अफसरों ने कई चक्र में लम्बी पूछताछ की। बहराइच में उसके नेटवर्क और मोबाइल की कॉल डिटेल के आधार पर उससे सवाल जवाब हुए। इस दौरान ही सामने आया कि छोटे जिलों में भी पीएफआई ने अपने मजबूत ठिकाने बना लिए हैं। इन जिलों में पीएफआई और उसकी सहयोगी संस्थाओं के नेटवर्क को ध्वस्त करने में एसटीएफ, एटीएस व एनआईए को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। इसे देखते हुए ही निर्णय लिया गया है कि अब छोटे जिलों में एलआईयू की मदद भी ली जाएगी।

पूछताछ में लगे एक अधिकारी ने बताया कि अहमद बेग बहुत शातिर है। वह हर सवाल में पहले उलझाने की कोशिश करता था। कई वैज्ञानिक साक्ष्यों को दिखाने पर ही वह सच उगलता है। उसे बहराइच ले जाने पर कई नये तथ्य मिले हैं। इन तथ्यों के आधार पर ही पड़ताल की जा रही है। मंगलवार को पूछताछ में उससे विदेशों से आई फंडिंग के बारे में भी पूछा गया। बैंक खातों के बारे में काफी जानकारी ली गई। हालांकि अहमद बेग ने इस बारे में कोई जानकारी न होने की बात कही कि विदेशों से कौन लोग रुपये भेजते हैं।

अधिकारी मंगलवार शाम को अहमद बेग को उसके मदेयगंज स्थित घर पर ले गये। उसके सामने ही पूरे घर की तलाशी ली गई। दावा किया जा रहा है कि कोई आपत्तिजनक चीज नहीं मिली। लेकिन एक आलमारी में रखे की-पैड वाले फोन, डिजीटल डायरी और कुछ अन्य कागजात जांच अफसरों ने अपने कब्जे में ले लिये थे। उसके पड़ोसियों से भी पुलिस ने कुछ सवाल पूछे हालांकि कोई ज्यादा नहीं बोला। बुधवार को उसकी रिमाण्ड का अंतिम दिन है। अहमद की पांच दिन की रिमाण्ड पुलिस को मिली है।