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देश का नाम अब ‘इंडिया’ नहीं ‘भारत’ होगा? संसद के विशेष सत्र में प्रस्ताव ला सकती है मोदी सरकार

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नई दिल्ली, 5 सितम्बर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार 18 सितम्बर से प्रस्तावित संसद के विशेष सत्र के दौरान देश का ‘इंडिया’ का नाम बदलकर ‘भारत’ करने के लिए एक नया प्रस्ताव ला सकती है।

हालांकि अब तक न तो विशेष सत्र का एजेंडा जारी किया गया है और न ही केंद्र सरकार की और से आधिकारिक रूप से कुछ कहा गया नहीं है। लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में इसी सप्ताहांत आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के निमित्त राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से भेजे गए रात्रिभोज निमंत्रण में ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ का जिक्र किया गया है। उसके बाद से ही इसे लेकर कई कयास लगाए जा रहे है।

मीडिया खबरों के आधार पर कयास लगाए जा रहे हैं कि यूसीसी और ‘एक-राष्ट्र, एक चुनाव’ के बाद अनुच्छेद 368 के तहत एक संवैधानिक संशोधन किया जाएगा और हमारे देश के नाम को ‘इंडिया’ से आधिकारिक तौर पर ‘भारत’ कर दिया जाएगा। केंद्र की मोदी सरकार कथित तौर पर चल रहे ‘अमृत काल’ के दौरान देश के लोगों को ‘गुलामी मानसिकता’ और ऐसी मानसिकता से जुड़े किसी भी तत्व से मुक्त करने पर जोर दे रही है।

सूत्रों ने दावा किया कि संविधान से ‘इंडिया’ शब्द को हटाने के प्रस्ताव से संबंधित तैयारी चल रही है और 18-22 सितम्बर तक होने वाले संसद के विशेष सत्र में सरकार ‘इंडिया’ शब्द हटाने के प्रस्ताव से संबंधित विधेयक पेश कर सकती है।

कांग्रेस का आरोप – इंडियासे डर और नफरत के चलते देश का नाम बदलने में जुटी सरकार

इस बीच कांग्रेस ने G20 रात्रिभोज के निमंत्रण में राष्ट्रपति को ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ कहकर संबोधित किए जाने को लेकर मंगलवार को केंद्र सरकार पर देश के संघीय ढांचे पर हमले का आरोप लगाया और दावा किया कि विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) से डर एवं नफरत के चलते सरकार देश का नाम बदलने में जुट गई है। मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘बांटने वाली’ इस राजनीति के सामने नहीं झुकेगा और वह जीत हासिल करेगा।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल नेटवर्किंग साइट ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में कहा, ‘यह खबर वास्तव में सच है। राष्ट्रपति भवन ने G20 शिखर सम्मेलन में नौ सितम्बर के लिए ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की बजाय ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के नाम पर निमंत्रण भेजा है।’ उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘अब, संविधान के अनुच्छेद 1 में पढ़ा जा सकता है : ‘भारत जो इंडिया था, राज्यों का एक संघ होगा’। लेकिन अब इस ‘राज्यों के संघ’ पर भी हमले हो रहे हैं।”

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