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शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा प्रकिया सुधार को लेकर गठित की उच्चस्तरीय समिति, पूर्व इसरो प्रमुख डॉ. राधाकृष्णन करेंगे नेतृत्व

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नई दिल्ली, 22 जून। UGC NET रद होने और NEET-UG में गड़बड़ी को लेकर जारी घमासान के बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारु और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञों की एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है। इसरो के पूर्व चेयरमैन और आईआईटी कानपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स अध्यक्ष रहे डॉ. के. राधाकृष्णन इस सात सदस्यीय समिति का नेतृत्व करेंगे। समिति परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) की संरचना और कार्यप्रणाली पर दो माह के भीतर एक रिपोर्ट तैयार कर उसे मंत्रालय को सौंपेगी।

समिति में ये दिग्गज बतौर सदस्य शामिल

उच्चस्तरीय समिति में एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, हैदराबाद केंद्रीय यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर बी.जे. राव, आईआईटी मद्रास सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एमेरिटस प्रो. राममूर्ति, पंकज बंसल (सह-संस्थापक, पीपल स्ट्रॉन्ग और बोर्ड सदस्य – कर्मयोगी भारत), प्रो. आदित्य मित्तल (डीन स्टूडेंट अफेयर्स, आईआईटी दिल्ली) हैं। शिक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल मेंबर सचिव के तौर पर शामिल किए गए हैं।

समिति इन मुद्दों पर देगी सिफारिश

संपूर्ण परीक्षा प्रक्रिया का विश्लेषण करना और प्रणाली की दक्षता में सुधार करने और किसी भी संभावित उल्लंघन को रोकने के लिए उपाय सुझाना।

एनटीए प्रोटोकॉल की गहन समीक्षा करना, तथा प्रत्येक स्तर पर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निगरानी तंत्र के साथ-साथ इन प्रक्रियाओं/प्रोटोकॉल को मजबूत करने के उपाय सुझाना।

एनटीए की मौजूदा डेटा सुरक्षा प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल का मूल्यांकन करना तथा इसके सुधार के लिए उपाय सुझाना।

विभिन्न परीक्षाओं के लिए पेपर-सेटिंग और अन्य प्रक्रियाओं से संबंधित मौजूदा सुरक्षा प्रोटोकॉल की जांच करना तथा सिस्टम की मजबूती बढ़ाने के लिए सिफारिशें करना।

एनटीए की मौजूदा शिकायत निवारण तंत्र का आकलन करना, सुधार के क्षेत्रों की पहचान करना तथा इसकी दक्षता बढ़ाने के लिए सिफारिशें करना।

शिक्षा मंत्रालय की ये समिति दो महीने के भीतर मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।