लखीमपुर खीरी, 27 जनवरी। लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपित आशीष मिश्र ‘मोनू’ को 277 दिनों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी है। शुक्रवार को जेल में रिहाई का आदेश पहुंचते ही केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष को साम को रिहा कर दिया गया। मीडिया कर्मियों से बचाते हुए आशीष को जेल के पिछले दरवाजे से बाहर निकाला गया। जमानत के दौरान आशीष मिश्र को एक सप्ताह के अंदर यूपी और दिल्ली छोड़कर बाहर रहना होगा।
आशीष को जेल के पिछले दरवाजे से बाहर निकाला गया
सुप्रीम कोर्ट ने बीते बुधवार को आशीष की अंतरिम जमानत मंजूर की थी। अब तक मंत्री पुत्र आशीष करीब 277 दिनों से जेल में ही था। उसके केस का ट्रायल भी शुरू हो चुका है। वादी के बयान दर्ज हो चुके हैं और अब जिरह जारी है।
14 आरोपितों पर अदालत में आरोप तय
स्मरण रहे कि तीन अक्तूबर, 2021 को तिकुनिया में हुए कांड में आठ लोगों की मौत हुई थी। इनमें चार किसानों व एक पत्रकार की मौत के केस में 14 आरोपितों पर अदालत में आरोप तय हो चुके हैं। इस मामले में आशीष समेत 13 आरोपित जेल में थे जबकि एक आरोपित वीरेंद्र शुक्ल जमानत पर है। मंत्री पुत्र की जमानत की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल थी। अदालत ने पिछली सुनवाई के समय फैसला सुरक्षित कर लिया था। बुधवार की सुबह सर्वोच्च अदालत ने अपना फैसला सुना दिया। इससे पहले पहली बार 15 फरवरी, 2022 को हाई कोर्ट के आदेश पर वह जेल से जमानत पर छूटा था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आशीष की जमानत खारिज कर उसे सरेंडर करने का आदेश दिया था।
पहले हाई कोर्ट ने दी थी सशर्त जमानत
आशीष को पहले भी हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत दी थी। पर विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद खीरी कांड के गवाहों पर हमले का मामला तूल पकड़ गया। सबसे पहले 11 मार्च, 2022 को खीरी कांड के गवाह तिकुनिया निवासी दिलजोत सिंह ने मामला दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि वह गन्ने की ट्रॉली लेकर जा रहे थे। इस बीच भाजपा की जीत पर जश्न मना रहे लोगों ने उन पर हमला कर दिया और गवाही न देने को धमकाया।
इसके बाद 11 अप्रैल, 2022 को रामपुर के बिलासपुर में रहने वाले खीरी कांड के गवाह ने आशीष पर हमले का केस दर्ज कराया था। जून, 2022 में इस कांड के गवाह और किसान नेता दिलबाग सिंह संधू ने गोला कोतवाली में खुद पर फायर होने का मुकदमा दर्ज कराया। गवाहों पर हमले का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी उठाया गया।
खीरी कांड में आशीष समेत 14 आरोपितों पर छह दिसम्बर, 2022 को आरोप तय कर दिए थे। इस केस के सभी आरोपितों के खिलाफ एसआईटी ने तीन जनवरी, 2022 को ही सीजेएम कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। अब इस मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम सुनील कुमार वर्मा कर रहे हैं। मंत्री पुत्र समेत 13 आरोपितों की डिस्चार्ज अर्जियों को एडीजे सुनील वर्मा ने पांच दिसम्बर 2022 को खारिज कर दिया था।