नई दिल्ली, 25 अक्टूबर। वर्ष 2022 का आखिरी सूर्य ग्रहण आइसलैंड से शुरू हो गया है। भारत में ग्रहण अपराह्न 4 बजकर 29 मिनट से शुरू होगा और शाम 6 बजकर 9 मिनट पर खत्म होगा। सूर्यग्रहण के बाद कार्तिक पूर्णिमा यानी 8 नवंबर को चंद्रग्रहण पड़ रहा है। इससे पहले, महाभारत युद्ध से पहले 15 दो बार ग्रहण पड़ा था। ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले से सूतक काल प्रभावी हो गया है।
सूर्य ग्रहण को भारत समेत दुनिया के कुछ हिस्सों में देखा जा सकता है। सूर्य ग्रहण पूर्वोत्तर भारत को छोड़ ज्यादातर हिस्सों में देखा जा सकता है। भारत में सूर्य ग्रहण का कुल औसत समय 73 मिनट का होगा। यह शाम में 4.29 बजे लगेगा। इसका मध्य 5.14 बजे और मोक्ष 5.42 बजे होगा। ग्रहण का समय देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग होगा।
नासा ने ग्रहण को लाइव देखने के लिए लिंक जारी किया
भारत में सूतक काल भोर में चार बजे से शुरू हो गया है। ग्रहण की वजह से गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर की जगह 26 अक्टूबर और भैया दूज 26 अक्टूबर की जगह 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दीपोत्सव भी इस साल पांच दिन की जगह 6 दिन तक चलेगा। नासा ने ग्रहण को लाइव देखने के लिए लिंक जारी किया है।
ग्रहण के दौरान किया जाता है तुलसी का उपयोग
सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल लगने से वातावरण में नकारात्मक ऊर्जाओं का संचार होता है। इससे सभी प्रकार की चीजें अशुद्ध हो जाती हैं। तुलसी को सबसे पवित्र पौधा माना जाता है। इसलिए ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए इसके पत्ते को खाने में डाला जाता है।
सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से न देखें
सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती स्त्रियों को सावधानी बरतनी चाहिए। घरों में रखी मूर्तियों को नहीं छूना चाहिए। घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। यात्रा नहीं करनी चाहिए। सूर्य ग्रहण को कभी भी नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए। इससे आंखों को नुकसान हो सकता है। इसके साथ ही, सूर्य ग्रहण को टेलीस्कोप से भी नहीं देखना चाहिए। ग्रहण को केवल विशेष रूप से बनाए गए चश्मों से ही देखना चाहिए।