नई दिल्ली, 19 सितम्बर। संसद के नए भवन का ‘श्रीगणेश’ बहुप्रतीक्षित महिला आरक्षण विधेयक के साथ होता नजर आ रहा है। खबर है कि केंद्र सरकार मंगलवार को ही संसद में बिल पेश कर सकती है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। मोदी कैबिनेट ने सोमवार को ही इस विधेयक पर मुहर लगाई थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की ओर से बिल पेश किया जाएगा। इस पर बुधवार को बहस होगी और पारित कराया जाएगा। संसद के विशेष सत्र के चौथे दिन यानी 21 तारीख को यह बिल राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
दिलचस्प यह है कि मंगलवार से ही विशेष सत्र नए संसद भवन में पहुंच रहा है। ऐसे में यदि सरकार महिला आरक्षण बिल आज पेश कर देती है, तो नई संसद में पेश होने वाला यह पहला बिल होगा। हालांकि, यह बिल करीब 27 वर्षों से लंबित है और कांग्रेस की अगुआई वाली UPA सरकार ने वर्ष 2010 में इसे राज्यसभा में पास करा लिया था।
विधेयक पास करने में नहीं होगी मुश्किल
फिलहाल, इस संभावित विधेयक पर कांग्रेस समेत कई बड़े विपक्षी दल भारी समर्थन दे रहे हैं। यहां तक कि विपक्ष लगातार सरकार से बिल को सदन में जल्द से जल्द पेश करने की तक मांग कर रहा है। ऐसे में इस विधेयक को संसद में पास होने में कठिनाई का सामना नहीं करना होगा। इसे पहले यह बिल करीब चार बार संसद तक पहुंच चुका है।
इस विधेयक में महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33 फीसदी आरक्षण देने की बात कही गई है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि मोदी सरकार राज्यसभा और विधान परिषदों को भी इसके दायरे में ला सकती है। हालांकि, इसे लेकर सरकार ने जानकारी सार्वजनिक नहीं की है। 2010 में UPA काल में राज्यसभा में पेश बिल में महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में आरक्षण देने की बात कही गई थी।