Site icon Revoi.in

UP में हाईकोर्ट ने रद्द की 69000 शिक्षकों की मेरिट लिस्ट, अखिलेश यादव ने BJP पर कसा तंज, जानिए क्या कहा…

Social Share

लखनऊ, 17 अगस्त। उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार (16 अगस्त) को 69000 शिक्षक भर्ती मामले में मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया है।जिसको लेकर अब राजनेताओं की प्रतिक्रिया सामने आने लगी है। यूपी शिक्षक भर्ती मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि ये अभ्यर्थियों की संयुक्त शक्ति की जीत है।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि 69000 शिक्षक भर्ती भी आख़िरकार भाजपाई घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार की शिकार साबित हुई। यही हमारी माँग है कि नये सिरे से न्यायपूर्ण नयी सूची बने, जिससे पारदर्शी और निष्पक्ष नियुक्तियाँ संभव हो सकें और प्रदेश में भाजपा काल मे बाधित हुई शिक्षा-व्यवस्था पुनः पटरी पर आ सके। हम नयी सूची पर लगातार निगाह रखेंगे और किसी भी अभ्यर्थी के साथ कोई हक़मारी या नाइंसाफ़ी न हो, ये सुनिश्चित करवाने में कंधे-से-कंधा मिलाकर अभ्यर्थियों का साथ निभाएँगे। ये अभ्यर्थियों की संयुक्त शक्ति की जीत है। सभी को इस संघर्ष में मिली जीत की बधाई और नव नियुक्तियों की शुभकामनाएँ!#नहीं_चाहिए_भाजपा।

उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सरकार को पुरानी सूची को दरकिनार कर नई चयन सूची जारी करने का निर्देश दिया है। न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने शिक्षक भर्ती मामले में 2019 में हुई 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों की सूची नए सिरे से जारी करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने 1 जून 2020 और 5 जनवरी 2022 की चयन सूचियां को दरकिनार कर नियमों के तहत 3 माह में नई चयन सूची बनाने के निर्देश दिए हैं।

न्यायमूर्ति ए आर मसूदी और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने आरक्षण कोटे का सही से अनुपालन न किए जाने के मामले में पिछले साल 13 मार्च को दिए गए एकल पीठ के फैसले को चुनौती देने वाली अशोक यादव व अन्य अभ्यर्थियों की 90 विशेष अपीलो पर यह फैसला दिया है। गौरतलब है कि न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित कर लिया था। न्यायालय ने यह आदेश बीते मंगलवार को सुनाया था जबकि आदेश की प्रति को हाइकोर्ट की बेबसाइट पर शुक्रवार को अपलोड हुआ।