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भारतीय इतिहास की पहली आदिवासी और सबसे युवा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ली शपथ

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नई दिल्ली, 25 जुलाई। द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। देश के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने भारतीय इतिहास की पहली आदिवासी और मुर्मू को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ दिलाई।

ओडिशा के एक छोटे से गांव में जन्मीं 64 वर्षीया द्रौपदी मुर्मू आजादी के बाद पैदा हुई पहली और शीर्ष पद पर काबिज होने वाली सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति भी बन गई हैं। साथ ही वह राष्ट्रपति बनने वाली दूसरी महिला हैं।

शपथ ग्रहण समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व सीजेआई एनवी रमना के साथ निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला मंच पर विराजमान थे। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी मंत्रिपरिषद के सदस्य, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राजनयिक मिशनों के प्रमुख, संसद सदस्य और सरकार के प्रमुख असैन्य एवं सैन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

शपथ ग्रहण समारोह के बाद द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति भवन पहुंचीं, जहां 21 तोपों की सलामी के बीच उन्हें एक इंटर-सर्विस गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और निवर्तमान राष्ट्रपति का शिष्टाचार सम्मान किया गया।

शपथ ग्रहण से पहले नवर्निवाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने आवास से राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को दी श्रद्धांजलि। उसके बाद वह राष्ट्रपति भवन पहुंचीं, जहां से रामनाथ कोविंद उन्हें साथ लेकर संसद भवन पहुंचे।