नई दिल्ली, 14 अक्टूबर। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव का एलान कर दिया, जहां एक चरण में 12 नवम्बर को वोटिंग होनी है और आठ दिसम्बर को मतगणना होगी। लेकिन उम्मीदों के विपरीत मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान नहीं किया और इसकी वजह भी बताई। साथ ही उन्होंने इस बात को भी खारिज किया कि ऐसा करने में किसी नियम का उल्लंघन हुआ है।
सीईसी राजीव कुमार बोले – किसी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है
चुनाव आयोग की पीसी की खबर आते ही ये अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि हिमाचल और गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान होगा। दो राज्यों में यदि विधानसभा का कार्यकाल छह महीने के भीतर खत्म हो रहा हो तो चुनाव एक साथ होते हैं और परिणाम भी साथ घोषित होता है।
फिलहाल गुजरात चुनाव की तारीखों का एलान नहीं किए जाने के सवाल पर राजीव कुमार ने कहा कि किसी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, ‘दोनों राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल खत्म होने में 40 दिनों का अंतर है। नियम के मुताबिक कम से कम 30 दिनों का अंतर होना चाहिए ताकि एक के परिणाम का असर दूसरे पर न हो।’
राजीव कुमार ने गुजरात से पहले हिमाचल में चुनाव को लेकर कहा, ‘मौसम जैसे कई कारक हैं, हम बर्फबारी से पहले हिमाचल में चुनाव चाहते हैं।’ उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने कई पक्षकारकों से विचार-विमर्श किया है। यह भी बताया कि आचार संहिता की अवधि भी 70 दिनों से घटाकर 57 दिन कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि गुजरात और हिमाचल में चुनाव आसपास की तारीखों में होते रहे हैं और नतीजे भी साथ ही घोषित होते हैं। 2017 में दोनों राज्यों में चुनाव नवम्बर में हुए थे और दिसम्बर में एक साथ चुनाव परिणाम आए थे। तब गुजरात में दो चरणों में वोटिंग हुई थी।
12 नवम्बर से 7 दिसम्बर के बीच गुजरात में वोटिंग संभव
2012 और 2017 की तरह इस बार भी 8 दिसम्बर को दोनों राज्यों में वोटों की गिनती एक साथ हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग गुजरात में चुनाव की तारीखों का एलान दिवाली के बाद कर सकता है। गुजरात में 12 नवम्बर से सात दिसम्बर के बीच हो सकता है। यहां दो चरणों में वोटिंग हो सकती है।