लखनऊ, 10 मार्च। यूपी विधानसभा चुनाव में दलबदलुओं को करारा जवाब मिला और स्वामी प्रसाद मौर्य और धर्म सिंह सैनी सहित कई कद्दावर नेताओं को पराजय झेलनी पड़ी। हालांकि योगी सरकार के तीसरे मंत्री दारा सिंह चौहान सहित पाला बदल कर चुनाव लड़ने वाले कुछ नेताओं ने जीत भी हासिल की।
फाजिलनगर से हारे स्वामी प्रसाद
योगी सरकार में पूरे वक्त कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य बड़े आत्मविश्वास के साथ भाजपा छोड़ कर सपा में शामिल हुए थे और भाजपा को नेस्तनाबूत करने का एलान किया था। भाजपा तो फिर सत्ता में लौट आई, लेकिन खुद को नेवला बताने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य की फाजिलनगर से 45,015 वोटों से करारी हार हुई।
स्वामी प्रसाद को पहले पडरौना से टिकट मिला था। लेकिन दिग्गज कांग्रेसी आपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने के बाद उन्हें पडरौना से हटाकर फाजिलनगर भेज दिया गया। लेकिन यह तरकीब भी काम नहीं आई। इस सीट पर भाजपा के सुरेंद्र सिंह कुशवाहा ने 1,16,029 मत प्राप्त किए जबकि स्वामी प्रसाद 71,015 वोट पा सके।
ढह गया डॉ. धर्म सिंह सैनी का 20 साल का अजेय किला
स्वामी प्रसाद के साथ भाजपा छोड़कर साइकिल पर सवार हुए धर्मसिंह सैनी को भी सहारनपुर की नकुड़ सीट से शिकस्त खानी पड़ी। नकुड़ पिछले 20 वर्षों से डॉ. धर्म सिंह सैनी का अजेय किला रहा, जहा से वह लगातार चार बार जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। वह 155 के मामूली अंतर से भाजपा के मुकेश चौधरी से हार गए।
इन पालाबदल नेताओं की भी हुई पराजय
अन्य दलबदलुओं में प्रसपा से भाजपा में गए हरिओम यादव भी हार गए। विनय शंकर तिवारी इस बार बसपा छोड़कर सपा के टिकट से चिल्लूपार से चुनाव लड़े थे और हार गए। अवतार सिंह भड़ाना ने भी चुनावों से पहले भाजपा को छोड़ सपा-आरएलडी गठबंधन का दामन थाम लिया था और जेवर से चुनाव लड़ा, लेकिन भाजपा के हाथों शिकस्त खा गए।
बलिया के सुरेंद्र सिंह बैरिया से टिकट न मिलने पर वीआईपी पार्टी से हार गए। कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हुईं सुप्रिया ऐरन बरेली कैंट से हार गईं। भाजपा से सपा में आई सुभावती शुक्ला गोरखपुर शहर से भी चुनाव हार गईं।
ये दलबदलू जीते
दारा सिंह चौहान भी साइकिल पर सवार हुए, लेकिन वह घोसी से जीत गए। वह योगी सरकार में मंत्री थे। कांग्रेस से भाजपा में आईं अदिति सिंह जीत गईं। बसपा छोड़कर सपा में शामिल हुए लालजी वर्मा अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट से फिर चुनाव जीत गए। रामअचल राजभर भी जीत गए।