जयपुर, 3 जुलाई। राजस्थान के उदयपुर में हुए कन्हैया लाल हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि कन्हैया लाल की हत्या में इस्तेमाल खंजर उत्तर प्रदेश के कानपुर से लाए गए थे। उदयपुर की एसके इंजीनियरिंग नाम की फैक्ट्री में इन हथियारों को धार दी गयी थी। इन हथियारों की तस्वीर एक ह्वाट्सएप ग्रुप में शेयर की गई, जिसमें पाकिस्तान के कुछ नंबर जुड़े हुए थे। इस खुलासे के बाद हत्यारों के पाकिस्तान कनेक्शन वाली बात और पुख्ता हो जाती है।
स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे थे 40 लोग
गौरतलब है कि कानपुर में ही दावत-ए-इस्लामिया नामक पाकिस्तानी कट्टरपंथी संगठन का हेडक्वार्टर है। अब तक की तफ्तीश में गौस मोहम्मद को कन्हैया लाल की हत्या की साजिश का सूत्रधार माना गया है, जिसे रियाज और अन्य लोगों की मदद से अंजाम दिया गया। जांच एजेंसियों के पास करीब 40 लोगों की डिटेल मौजूद हैं, ये सभी गौस मोहम्मद और रियाज के इशारे पर स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे थे।
आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी
ये सभी 40 लोग उदयपुर और उसके आसपास के इलाकों के रहने वाले हैं। आरोपितों की धरपकड़ के लिए उनके संभावित ठिकानों पर जांच एजेंसियां रेड कर रही हैं। ज्यादातर आरोपित उदयपुर के पास सिलावटवाड़ी, खांजीपीर और सवीना के रहने वाले हैं। ये सभी गौस और रियाज के ह्वाट्सएप के जरिए संपर्क में आए थे।
रियाज और गौस मोहम्मद के मोबाइल से पाकिस्तानी मौलानाओं के जहरीले और भड़काऊ भाषण वाली सैकड़ों वीडियो क्लिप भी मिली हैं। इसमें कुछ वीडियो में लॉन वुल्फ अटैक और आतंकी हमलों के तरीकों की जानकारी भी दी गई थी।