नई दिल्ली, 13 जून। केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि देश के पास घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए गेहूं का पर्याप्त भंडार मौजूद है, लिहाजा अभी अनाज के आयात शुल्क में बदलाव करने का कोई इरादा नहीं है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि जमाखोरी को रोकने और गेहूं के बाजार मूल्य में स्थिरता बनाए रखने के लिए उचित उपाय किए जाएंगे। इसके लिए खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग गेहूं के बाजार मूल्य पर बारीकी से नजर रख रहा है।
इस वर्ष 112 मिलियन एमटी गेहूं का उत्पादन
खाद्य मंत्रालय ने बताया कि आरएमएस 2024 के दौरान खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने 112 मिलियन एमटी गेहूं का उत्पादन होने की सूचना दी है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने आरएमएस 2024 के दौरान 11 जून, 2024 तक लगभग 266 एलएमटी गेहूं की खरीद की है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की आवश्यकता को, जो लगभग 184 एलएमटी है, पूरा करने के बाद, आवश्यकता पड़ने पर बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए पर्याप्त गेहूं का भंडार उपलब्ध होगा।
मंत्रालय के अनुसार बफर स्टॉकिंग मानदंड वर्ष की प्रत्येक तिमाही के लिए अलग-अलग होते हैं। एक जनवरी, 2024 तक गेहूं का भंडार 138 एलएमटी के निर्धारित बफर मानक के मुकाबले 163.53 एलएमटी था। गेहूं का स्टॉक किसी भी समय तिमाही बफर स्टॉक मानदंडों से नीचे नहीं रहा है। इसके अलावा, वर्तमान में गेहूं के आयात पर शुल्क संरचना में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है।