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संसद का विशेष सत्र : केंद्र सरकार ने सोनिया गांधी की चिट्ठी का दिया जवाब, कहा – सत्र से पहले बातचीत की जाएगी

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नई दिल्ली, 6 सितम्बर। केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितम्बर तक प्रस्तावित संसद के विशेष सत्र को लेकर कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी की चिट्ठी का जवाब दिया है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है, आपका परंपराओं की तरफ ध्यान नहीं है। सत्र शुरू होने से पहले बातचीत की जाएगी।

अनावश्यक विवाद उत्पन्न करने का प्रयास कर रही हैं

प्रह्लाद जोशी ने सोनिया को प्रेषित जवाब में कहा, ‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप संसद, हमारे लोकतंत्र के मंदिर के कामकाज का भी राजनीतिकरण करने और जहां कोई विवाद नहीं है, वहां अनावश्यक विवाद उत्पन्न करने का प्रयास कर रही हैं। जैसा कि आपको विदित है, अनुच्छेद 85 के तहत संवैधानिक जनादेश का पालन हुए संसद सत्र नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं। प्रावधान के अनुरूप राष्ट्रपति समय-समय पर संसद के प्रत्येक सदन को ऐसे समय और स्थान पर, जो वह ठीक समझे, अधिवेशन के लिए आहूत करेगा, किन्तु उसके एक सत्र की अंतिम बैठक और आगामी सत्र की प्रथम बैठक के लिए नियत तारीख के बीच छह मास का अंतर नहीं होगा।’

शायद आपका परम्पराओं की ओर ध्यान नहीं है

जोशी ने कहा, ‘पूर्ण रूप से स्थापित प्रक्रिया का पालन करते हुए ही संसदीय कार्य संबंधी मंत्रिमंडल समिति के अनुमोदन के पश्चात, राष्ट्रपति महोदया द्वारा 18 सितम्बर से आरम्भ होने वाले संसद सत्र को बुलाया है। शायद आपका परम्पराओं की ओर ध्यान नहीं है। संसद सत्र बुलाने से पहले न कभी राजनैतिक दलों से चर्चा की जाती है और न कभी मुद्दों पर चर्चा की जाती है। महामहिम राष्ट्रपति जी के सत्र बुलाने के बाद और सत्र आरम्भ होने के पहले सभी दलों के नेताओं की बैठक होती है, जिसमे संसद में उठने वाले मुद्दों और कामकाज पर चर्चा होती है।’

सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए हमेशा तैयार

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, ‘मैं यह भी बताना चाहूंगा कि हमारी सरकार किसी भी मुद्दे पर हमेशा चर्चा करने के लिए तैयार रहती है। वैसे तो आपने जिन मुद्दों का उल्लेख किया है, वे सभी मुद्दे अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कुछ ही समय पूर्व मॉनसून सत्र के दौरान उठाए गए थे और सरकार द्वारा उन पर जवाब भी दिया गया था।’

उन्होंने कहा, ‘सत्र की कार्यसूची हमेशा की तरह स्थापित आचरण के अनुसार उचित समय पर परिचालित की जाएगी। मैं यह भी फिर से ध्यान दिलाना चाहता हूं कि हमारी संसदीय कार्यप्रणाली में चाहे सरकार किसी भी दल की रही हो, आज तक संसद बुलाने के समय कार्यसूची पहले से कभी भी परिमित नहीं की गई।’

मुझे पूर्ण विश्वास है कि संसद की गरिमा बनी रहेगी

प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘मुझे पूर्ण विश्वास है कि संसद की गरिमा बनी रहेगी और इस मंच का उपयोग राजनीतिक विवादों के लिए नहीं किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, मैं आगामी सत्र को सुचारु रूप से चलाने में आपके पूर्ण सहयोग की अपेक्षा करता हूं, जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय हित में सार्थक परिणाम सामने आ सकें।’

पूर्व में भी एजेंडे का पहले से खुलासा नहीं किया गया

इसके बाद मीडिया से बात करते हुए प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘पहले भी सत्र बुलाने से पहले विपक्षी दलों से सलाह-मशविरा नहीं किया गया… यह सरकार का विशेषाधिकार है… इससे पहले कभी भी जब अन्य सरकारें थीं, एजेंडे का पहले से खुलासा नहीं किया गया।’

गौरतलब है कि इससे पहले सोनिया गांधी ने विपक्षी गठबंधन इंडिया की तरफ से नौ मुद्दों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी थी। इसके बाद सरकार ने पत्र लिखकर जवाब दिया है।

पीयूष गोयल ने भी कांग्रेस पर साधा निशाना

वहीं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, ‘बहुत ही दुख की बात है कि श्रीमती सोनिया गांधी जी, कांग्रेस पार्टी और विपक्ष ने इसको (विशेष सत्र) भी राजनीतिक विवादों में डालने की कोशिश की है। मैं समझता हूं कि हमारी संसद भारत की शान है, भारत के लोकतंत्र का मंदिर है और उसको राजनीतिक विवादों में हमें घेरना नहीं चाहिए।’

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस हमेशा सभी परंपरागत संस्थाओं और संविधान को वाद-विवाद में डालने की कोशिश करती रहती है, उसकी मैं घोर निंदा करता हूं। कांग्रेस पार्टी के पास कोई विषय नहीं है, वो विषयहीन है और आज के दिन सिर्फ और सिर्फ देश को बांटने के बयान देती है।’