नई दिल्ली, 26 जुलाई। केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से उस फैसले में संशोधन का अनुरोध किया है, जिसमें कहा गया था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा 31 जुलाई तक ही पद पर रह सकते हैं। केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत से मिश्रा का कार्यकाल 15 अक्टूबर तक बढ़ाने को आग्रह किया है।
भारत के राष्ट्रीय हित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का दिया हवाला
केंद्र ने अपनी याचिका में कहा, ‘ऐसे महत्वपूर्ण मोड़ पर प्रवर्तन निदेशालय में मामलों के शीर्ष पर एक ऐसे व्यक्ति का होना जरूरी है, जो देशभर में मनी लॉन्ड्रिंग जांच और कार्यवाही की समग्र स्थिति और जांच एजेंसी की प्रक्रियाओं, संचालन और गतिविधियों की जटिलताओं से अच्छी तरह परिचित हो। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि मूल्यांकन टीम को आवश्यक रिपोर्ट, सूचना, आंकड़ों आदि के साथ तुरंत और सक्षम रूप से सहायता की जा सके।’
केंद्र ने यह भी कहा है कि इस स्तर पर प्रवर्तन निदेशालय में नेतृत्व में कोई भी परिवर्तन, मूल्यांकन टीम के साथ आवश्यक सहायता और सहयोग प्रदान करने की एजेंसी की क्षमता को काफी हद तक ख़राब कर देगा और इससे भारत के राष्ट्रीय हित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्र की पीठ को बताया कि सरकार ने शीर्ष अदालत के 11 जुलाई के फैसले में संशोधन के लिए एक आवेदन दायर किया है। मेहता ने पीठ से कहा, ‘इस मामले में तत्काल सुनवाई की आवश्कता है। हम इस आवेदन को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध करते हैं।’ न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि 11 जुलाई का फैसला तीन न्यायाधीशों की पीठ ने सुनाया था, जिसमें न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संजय करोल भी शामिल थे और फिलहाल वे अलग-अलग पीठ का हिस्सा हैं।
कल होगी इस मामले पर सुनवाई
न्यायमूर्ति गवई ने मेहता से कहा, ‘रजिस्ट्री को प्रधान न्यायाधीश से एक पीठ गठित करने का अनुरोध करने दें।’ सॉलिसिटर जनरल ने पीठ से मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध करते हुए कहा कि इस आवेदन पर 28 जुलाई (शुक्रवार) तक सुनवाई होनी चाहिए। इसके बाद पीठ ने गुरुवार को अपराह्न साढ़े तीन बजे मामले पर सुनवाई के लिए सहमति जताई।
सुप्रीम कोर्ट ने विस्तारित कार्यकाल को घटाकर 31 जुलाई कर दिया था
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई को दिए अपने आदेश में मिश्रा के कार्यकाल को तीसरा विस्तार दिए जाने को अवैध ठहराया था और उनके विस्तारित कार्यकाल को घटाकर 31 जुलाई कर दिया था। न्यायमूर्ति गवई, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने कहा था कि इस साल एफएटीएफ द्वारा जारी समीक्षा के मद्देनजर और पद पर नई बहाली को सुचारु बनाने के लिए मिश्रा का कार्यकाल 31 जुलाई तक रहेगा। सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के 1984 बैच के अधिकारी मिश्रा को 18 नवम्बर, 2023 तक पद पर बने रहना था।