नई दिल्ली, भयाक्रांत कर देने वाली कोविड-19 महामारी से निजात के लिए एकतरफ जहां देशभर की मशीनरी युद्धस्तर पर जुटी हुई हैं वहीं ब्रिटेन से प्रकाशित होने वाली एक चिकित्सा पत्रिका ‘द लांसेट’ ने अपने संपादकीय में कहा है कि संक्रमण से मची तबाही के लिए सीधे तौर पर केंद्र सरकार जिम्मेदार है। इसके साथ ही पत्रिका ने आशंका जाहिर की है कि भारत में एक अगस्त, 2021 तक कोरोना से कुल 10 लाख लोगों की मौत हो सकती है।
पत्रिका ने बीते शुक्रवार को प्रकाशित इस संपादकीय में कहा है कि अगर मौतों (10 लाख) के ये आंकड़े वास्तविकता में तब्दील हुए तो इसकी जिम्मेदारी भारत सरकार की होगी। रिपोर्ट के अनुसार कोरोना से अगले तीन महीने में साढ़े सात लाख लोगों की मौत का खतरा है।
‘द लांसेट’ का कहना है कि भारत ने कोरोना को नियंत्रित करने में भारी कोताही बरती है, जिसका परिणाम वह भुगत रहा है। पत्रिका ने एक स्वतंत्र वैश्विक स्वास्थ्य अनुसंधान संगठन ‘इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन’ वाशिंगटन के हवाले से संपायदीय में ये बातें कहीं हैं।
संपादकीय में कहा गया है कि सुपरस्प्रेडर इवेंट की चेतावनी के बावजूद सरकार ने धार्मिक त्योहारों को अनुमति दी, जिनमें पूरे देश से लाखों लोग पहुंचे। राजनीतिक रैलियां की गईं, जिनमें कोरोना प्रोटोकॉल की कोई परवाह ही नहीं की गई। इसके अलावा टीकाकरण अभियान का धीमा पड़ना भी वायरस के संक्रमण के सबसे बड़े कारणो में से एक रहा है।
ब्रिटिश मेडिकल जनरल की संपादकीय में कोरोना पर नियंत्रण को लेकर सलाह भी दी गई है। मसलन, टीकाकरण अभियान में बदलाव कर इसे तार्किक बनाया जाए और तेजी से लागू किया जाए। इसके लिए वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ाई जाए और शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में वितरण अभियान चलाया जाए। दूसरी सलाह यह दी गई कि अगर लॉकडाउन की संभावना बन रही है तो इससे इनकार नहीं किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि भारत में कोरोना से कुल मौतों का आंकड़ा 2.42 पार कर चुका है। लगातार चौथे दिन चार लाख से ज्यादा नए केस सामने आए और लगातार दूसरे दिन चार हजार से ज्यादा मरीजों की मौत हुई। हालांकि राहत की खबर यह भी है कि 24 घंटे में रिकॉर्ड 3.86 मरीज स्वस्थ भी घोषित किए गए।